मथुरा। दुनिया भर के हिंदुओं को एक सूत्र में पिरोने का संदेश लेकर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा निकाली गई 10 दिवसीय सनातन हिंदू एकता पदयात्रा रविवार 16 नवंबर को श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के साथ विश्राम को पहुँची। दिल्ली से 7 नवंबर को प्रारंभ हुई इस यात्रा ने लाखों भक्तों को एकजुट होने का संदेश दिया।



यात्रा के समापन अवसर पर विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए बागेश्वर महाराज ने कहा—
“यात्रा तन से भले पूरी हो गई हो, लेकिन मन के विचारों की यात्रा जारी रहनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि यह यात्रा संतति और संपत्ति की रक्षा का संकल्प है। अगर हिंदू एकजुट रहेंगे तो कोई विधर्मी अत्याचार करने का साहस नहीं करेगा।

महाराज ने दिलवाए पाँच महत्वपूर्ण प्रण

1️⃣ जुड़ो और जोड़ो अभियान – अधिक से अधिक लोगों को सनातन से जोड़ने का संकल्प।
2️⃣ भगवा ध्वज संकल्प – हर घर पर भगवा ध्वज स्थापित करने की अपील।
3️⃣ सुंदरकांड मंडल – गाँव-गाँव सुंदरकांड मंडलों के माध्यम से धर्म की धारा प्रवाहित करने का आह्वान।
4️⃣ घर-वापसी अभियान – जो लोग किसी कारण से हिंदू धर्म से दूर हुए, उन्हें वापस जोड़ने का संकल्प।
5️⃣ तीर्थ क्षेत्रों में मांस–मदिरा निषेध – इन दुकानों को बंद कराने में योगदान देने का आग्रह।

ब्रजभूमि में प्रवेश से भावुक हुए महाराज

वृंदावन की सीमा पर पहुँचते ही बागेश्वर महाराज ने साष्टांग दंडवत प्रणाम कर ब्रज की रज को माथे से लगाया। उनकी आँखें नम हो उठीं। उनके साथ देवकीनंदन ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय और पुंडरीक गोस्वामी ने भी ब्रजभूमि को नमन किया।

✦ “यात्रा ने सबका दंभ तोड़ दिया” — तुलसी पीठाधीश्वर

यात्रा के विश्राम अवसर पर बागेश्वर महाराज के गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने उन्हें हृदय से लगाया। उन्होंने कहा कि यह हिंदू एकता का महाकुंभ रहा और यात्रा ने विरोधियों के दंभ को तोड़ दिया।
उन्होंने कहा— “अब ओम शांति नहीं, ओम क्रांति कहना सीखें। हिंदू सोया रहेगा तो अत्याचार बढ़ेंगे।”

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सड़क पर किया भोजन

विश्राम समारोह में शामिल हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साधारण भक्तों और बुजुर्गों के साथ सड़क पर बैठकर भोजन किया। उन्होंने यात्रा को अद्भुत बताते हुए कहा कि इससे समर्पण और एकता की भावना प्रकट होती है।

संतों और कथावाचकों ने दिए आशीर्वचन

कार्यक्रम में पूज्य बालक योगेश्वर दास, गीता मनीषी, देवकीनंदन ठाकुर, पुंडरीक गोस्वामी, इंद्रेश उपाध्याय, अनिरुद्धाचार्य महाराज, राजू दास महाराज, आर. के. पांडे, मृदुलकांत शास्त्री सहित कई संतों ने पदयात्रियों को आशीर्वचन देकर उन्हें धर्म मार्ग पर दृढ़ रहने की प्रेरणा दी।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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