फिरोजाबाद: एसटीएफ इकाई आगरा और नसीरपुर थाना पुलिस ने मंगलवार रात एक बड़े एसएससी/जीडी भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया। बेरोजगार युवाओं को फर्जी नियुक्तिपत्र देकर ठगने वाले शातिर गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। ये जालसाज प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये वसूलते थे। दोनों आरोपियों को आगरा जेल भेज दिया गया है।
गिरोह का modus operandi
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी प्रदीप कुमार (निवासी नगला चंदा) और चंद्रवीर उर्फ छोटू (निवासी गुढा) ऑनलाइन भर्ती परिणामों से सफल अभ्यर्थियों के नाम चुराते थे। वे फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर फोटो में छेड़छाड़ करते और नकली नियुक्ति पत्र बनाते थे। युवक इन कागजातों के साथ भर्ती सेंटर पहुंचते तो पकड़े जाते। डर के मारे शिकायत न करने पर वे ब्लैकमेल कर पैसे वसूलते और वापसी मांगने पर धमकाते थे।
पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई
एसटीएफ इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा ने बताया कि नीरज कुमार (धौलपुर, राजस्थान) और रिंकू कुमार (आगरा) नामक दो पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई की गई। इन्हें छत्तीसगढ़ में एसएससी/जीडी (बीएसएफ) भर्ती का झांसा देकर फर्जी पत्र देने के नाम पर नसीरपुर बुलाया गया था। एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने घेराबंदी कर बिना नंबर प्लेट वाली मोटरसाइकिल पर सवार दोनों को नसीरपुर के गुढा चौराहा क्षेत्र से धर दबोचा।
बरामद सामग्री
आरोपियों के कब्जे से निम्नलिखित वस्तुएं बरामद हुईं:
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राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) के तहसीलदार और लोकसेवा केंद्र की दो मुहरें
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33 फर्जी प्रमाणपत्र और कागजात
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लेनदेन के छायाप्रतियां
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दो वीवो मोबाइल फोन
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एक्सिस बैंक के दो ब्लैंक चेक
एसटीएफ ने अपने यहां मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि गिरोह का नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है।