फतेहाबाद/आगरा: ताजगी भरी सुबह की शुरुआत एक दुखद अंत में बदल गई। आगरा जिले के फतेहाबाद क्षेत्र में 80 वर्षीय बुजुर्ग अमर सिंह ने सारंगपुर रोड पर एक पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना स्थानीय लोगों के बीच सनसनी फैला रही है, और पुलिस अब इसके पीछे छिपे कारणों की पड़ताल में जुट गई है।
सुबह की सैर बनी आखिरी सफर
रविवार की सुबह करीब 11 बजे अमर सिंह अपने मोहल्ला राजपूत स्थित घर से निकले थे। उनके पुत्र श्री भगवान के अनुसार, पिता का जाना आम बात थी—शायद आसपास टहलने या किसी परिचित से मिलने। लेकिन जब घंटों बीत गए और कोई खबर न मिली, तो परिवार में चिंता की लहर दौड़ गई। घर से महज एक किलोमीटर दूर सारंगपुर रोड पर एक पेड़ से लटका हुआ उनका शव मिला, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया।
आसपास के ग्रामीणों ने शव को देखते ही हड़कंप मचा दिया। किसी ने फौरन फतेहाबाद थाने को सूचना दी, और कुछ ही मिनटों में पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यह आत्महत्या का मामला है। पुलिस ने शव को सावधानीपूर्वक पेड़ से उतारा और परिजनों को सूचना दी। श्री भगवान ने बताया, “पापा सुबह निकले तो बिल्कुल सामान्य लग रहे थे। हमें कभी अंदाजा नहीं हुआ कि ऐसा कदम उठाएंगे।”
पुलिस की जांच: क्या था कारण?
फतेहाबाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। एसएचओ (थाना प्रभारी) के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या ही लग रही है, लेकिन कोई सुसाइड नोट या अन्य सुराग नहीं मिला। “हम परिवार से विस्तृत पूछताछ कर रहे हैं। बुजुर्ग की उम्र और संभावित स्वास्थ्य या पारिवारिक समस्याओं पर फोकस है,” उन्होंने कहा।
आगरा जिले में बुजुर्गों के बीच मानसिक स्वास्थ्य एक उभरती चुनौती बन रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अकेलापन, बीमारियां और आर्थिक तंगी जैसे कारक अक्सर ऐसी त्रासदियों को जन्म देते हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी जागरूकता अभियान चलाने की योजना पर विचार करना शुरू कर दिया है।
परिवार का दर्द: ‘क्यों छोड़ गए हमें?’
अमर सिंह के परिवार में शोक की लहर है। पुत्र श्री भगवान और अन्य परिजन सदमे में हैं। “वह हमारा सहारा थे। अब यह खालीपन कैसे भरेंगे?”—श्री भगवान की आंखें नम हो जाती हैं। पड़ोसियों का कहना है कि अमर सिंह शांत स्वभाव के इंसान थे, जो कभी किसी से शिकायत नहीं करते थे।
- रिपोर्ट – आकाश भारद्वाज

