मथुरा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के 25 सितंबर को मथुरा दौरे से पहले अंता पाड़ा स्थित कुब्जा कृष्ण मंदिर परिसर तक जाने वाली सड़क को लेकर जिला प्रशासन व प्रदेश स्तर के आला अधिकारियों ने सुरक्षा व व्यवस्थाओं के नाम पर लाखों रूपये खर्च किए। दावा किया गया कि सड़क मजबूत व टिकाऊ बनाई जा रही है।

लेकिन हकीकत यह है कि राष्ट्रपति दौरे का एक सप्ताह भी पूरा नहीं हुआ और इंटरलॉकिंग सड़क धसने लगी जो कभी भी एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। स्थानीय लोगों में सड़क धसने से भारी आक्रोश है उनका मानना है कि हमारे द्वारा दिया जा रहा टैक्स के पैसे का गलत प्रयोग हो रहा है जबकि पूर्व में बनी सड़क इससे बेहतर थी।लोगों को उम्मीद थी की राष्ट्रपति महोदय जी के आगमन पर इस क्षेत्र का अच्छा खासा विकास होगा लेकिन धरातल पर इसके विपरीत देखने को मिला।यह सड़क आलाअधिकारियों की मौजूदगी में रात-दिन मेहनत कर बनाई और सुरक्षा व्यवस्था का ढिंढोरा पीटा गया था,वही सड़क अब भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण सामग्री की पोल खोल रही है।उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशन में लखनऊ से सचिव,डीजीपी, मंडलायुक्त,एडीजी,डीआईजी सहित संबंधित अधिकारियों ने उक्त स्थान का दौरा कर राष्ट्रपति महोदय जी के दौरे स्थल का निरीक्षण किया लेकिन किसी ने सड़क कार्य में लग रही सामग्री व निर्माण मानकों पर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते सड़क एक सप्ताह में ही उखड़ने लगी।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सड़क केवल “दिखावे के लिए” बनाई गई थी। सवाल यह है कि जब राष्ट्रपति के स्वागत में बनी सड़क इतनी जल्दी टूट गई तो आमजन के लिए बनने वाली सड़कों की गुणवत्ता का क्या हाल होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है — इस घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार का जिम्मेदार कौन?
जिला प्रशासन?
मथुरा-वृंदावन नगर निगम?
या फिर ठेकेदार व निर्माण एजेंसी?