टूटी सड़क, बुझा अंधेरा और प्यासा घाट बना जनता की परेशानी का कारण
फतेहाबाद (आगरा)। कस्बे से महज 3 किलोमीटर दूर स्थित जोनेश्वर यमुना घाट का सम्राट कालीन शिव मंदिर इन दिनों सावन के सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी आस्था का केंद्र बना हुआ है। हर सोमवार को हजारों कांवड़िए और भक्त यमुना में डुबकी लगाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। भक्ति में लीन श्रद्धालु रातभर भजन-कीर्तन कर वातावरण को शिवमय कर रहे हैं।
लेकिन इस ऐतिहासिक घाट की बदहाल व्यवस्था ने आस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालु न केवल कांवड़ लेकर कठिनाई से मंदिर तक पहुंच रहे हैं बल्कि बरसात में कीचड़ और जलभराव के कारण शवों के अंतिम संस्कार के लिए आने वाली जनता को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली गायब, पानी की किल्लत
घाट व्यवस्थापक कपिल वर्मा बताते हैं कि पूर्व विधायक जितेंद्र वर्मा ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट पर समरसेबल पंप लगवाया था, जिससे लोगों को पीने का पानी मिल जाता था। लेकिन गांव की विद्युत डीपी लंबे समय से खराब पड़ी है। नतीजा – न घाट पर बिजली है और न ही पानी। अंधेरे में श्रद्धालुओं को रात के समय बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
📣 ग्रामीणों ने उठाई आवाज़
ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि:
• घाट पर तत्काल नई विद्युत डीपी लगवाई जाए, ताकि समरसेबल चालू हो और अंधेरे में उजाला हो सके।
• जोनेश्वर घाट तक का मुख्य मार्ग बनवाया जाए, ताकि बारिश में होने वाली परेशानियों से राहत मिले।
सावन माह की शुरुआत में अब केवल 3 दिन शेष हैं। ऐसे में अगर व्यवस्थाएं समय रहते दुरुस्त नहीं हुईं तो श्रद्धालुओं की आस्था पर भारी चोट लग सकती है।
🛑 प्रशासन की चुप्पी पर सवाल!
ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह घाट कब तक उपेक्षा का शिकार रहेगा? श्रद्धालुओं ने चेतावनी दी है कि यदि सावन के पहले सोमवार तक व्यवस्थाएं सुधारी नहीं गईं तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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