रिपोर्ट 🔹 मुहम्मद इस्माइल
आगरा। जीपीएफ और पेंशन भुगतान में भ्रष्टाचार के विरोध में आगरा जनपद के सैकड़ों शिक्षकों ने गुरुवार को यूटा (उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ) के बैनर तले खंदौली तहसील परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। “भ्रष्ट कोषाधिकारी रीता सचान को बर्खास्त करो” के गगनभेदी नारों से तहसील परिसर गूंज उठा।
आक्रोशित शिक्षकों ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी आगरा को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में शिक्षकों से उनके देयकों, जैसे जीपीएफ और पेंशन भुगतान, के एवज में रिश्वत की मांग की जाती है।

ज्ञापन में कहा गया कि रिश्वत न देने पर शिक्षकों के दस्तावेजों को गायब कर दिया जाता है। ऐसा ही मामला सेवानिवृत्त शिक्षक राजपाल सिंह के साथ सामने आया, जिनका पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) फाइल से गायब कर 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई।
यूटा जिला अध्यक्ष के.के. शर्मा ने इस घटना पर 24 जून को मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान से आपत्ति दर्ज कराई थी। आरोप है कि इस आपत्ति से बौखलाकर कोषाधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जिलाध्यक्ष के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया।
शिक्षकों ने जिलाधिकारी से मांग की कि कोषाधिकारी के भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और जिलाध्यक्ष पर दर्ज झूठी एफआईआर को निरस्त किया जाए।
इस मौके पर यूटा प्रदेश कोषाध्यक्ष बीपी बघेल, ब्लॉक अध्यक्ष रमाशंकर पाराशर (खंदौली), निधि वर्मा (एत्मादपुर), महामंत्री भुजवेंद्र सिंह, अमित राजौरिया, कोमल बघेल, शर्मिला, विवेक, ममता शर्मा, संजू सिसोदिया, रीता शर्मा, धर्मवीर सिंह, शबाना, सुषमा यादव समेत सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।
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