मथुरा। श्री बांके बिहारी जी मंदिर वृंदावन में प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण को लेकर अब सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ व्यापारिक संगठन भी समर्थन में उतर आए हैं। मंगलवार को मथुरा के कई प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने जिलाधिकारी को समर्थन पत्र सौंपकर कॉरिडोर निर्माण को आवश्यक और समय की मांग बताया।

समर्थन देने वालों में मथुरा वृंदावन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (ब्रज क्षेत्र), जिला ओलंपिक संघ मथुरा एवं ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIKGF) ब्रज प्रांत शामिल रहे। सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि यह कॉरिडोर मथुरा-वृंदावन की सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा और क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

व्यापारिक संगठनों का कहना है कि वृंदावन राधा-कृष्ण की लीला स्थली होने के कारण वैश्विक आस्था का केंद्र है, जहां वर्षभर देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। मौजूदा अवस्थाएं इस जनदबाव को संभालने में असमर्थ हैं जिससे स्थानीय नागरिक, व्यापारी और श्रद्धालु सभी को परेशानी होती है। ऐसे में एक सुव्यवस्थित और व्यापक कॉरिडोर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

संगठनों ने काशी विश्वनाथ और महाकाल कॉरिडोर का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। अयोध्या की तरह मथुरा भी अब वैश्विक आस्था के मानचित्र पर और मजबूती से उभरेगा।

व्यापारिक संगठनों का मानना है कि श्री बांके बिहारी जी कॉरिडोर बनने से न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय होटल ग्रुप, फूड चेन, रियल एस्टेट, मल्टीनेशनल कंपनियां और अस्पताल आदि के निवेश से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सरकार को राजस्व में भी लाभ होगा।

हालांकि, संगठनों ने सरकार से यह अपील भी की है कि कॉरिडोर निर्माण के दौरान वृंदावन की पारंपरिक गलियों, पुरातन संस्कृति, सेवा परंपरा और श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान बरकरार रखा जाए।

श्री बांके बिहारी जी मंदिर कॉरिडोर को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों का यह समर्थन सरकार के लिए न केवल एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि मथुरा-वृंदावन को नई दिशा देने वाला एक ऐतिहासिक कदम भी साबित हो सकता है।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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