फतेहाबाद/आगरा: ग्राम औरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रख्यात कथा व्यास आचार्य श्री राम नजर जी महाराज (पूज्य श्री हरि जी महाराज) ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञान और बैरागी त्रिवेणी है श्रीमद् भागवत कथा में श्रोताओं की अपार वीर उमड़ रही है।
आचार्य जी ने भागवत शब्द का अर्थ करते हुए बताया भा= भक्ति,ग =ज्ञान,ब = वैराग्य ,त =विस्तार अर्थात जिस ग्रंथ में भक्ति ज्ञान और वैराग्य का विस्तार से वर्णन किया जाए उसे भागवत कहते हैं कलयुग में भागवत कथा पितरों एवं अपनी मुक्ति के लिए सबसे श्रेष्ठ साधन है।
कथा के अंतिम दिन आचार्य जी ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया की सुदामा जी टूटी झोपड़ी में रहते हुए भी भगवान की सच्ची भक्ति करते थे वही सुदामा जब द्वारका में गए तो भगवान भाई की तरह सुदामा से मिले और सुदामा जी महाराज के चरण दवाए लक्ष्मी की अवतार रुक्मणी ने सुदामा के ऊपर पंखा से हवा करी आचार्य जी ने बताया सुदामा चरित्र से हमें शिक्षा मिलती है भगवान के प्रति सच्ची भक्ति होती है तो आज कलयुग में भी भगवान की निश्चित कृपा होगी अतः हमारा कर्तव्य है सच्चे भाव सेभगवान की भक्ति करें।
अंत में आचार्य जी दक्षिणा मांगते हुए कहा के भागवत सुनने के बाद में सभी श्रोता मदिरा पीना तंबाकू गुटखा बीड़ी सिगरेट आदि व्यसनों को त्यागें माता-पिता गुरुजनों एवं बड़ों का सम्मान करें भारतीय हिंदू संस्कृति एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी हिंदू एक रहे यही हमारी सबसे श्रेष्ठ दक्षिण है कथा में क्षेत्रीय विधायक रानी पक्षालिका सिंह जी ने कथा श्रवण की और व्यास जी का आशीर्वाद लिया कथा के आयोजक श्री रामनिवास गुप्ता श्री नवीन गुप्ता श्री पंकज गुप्ता ने कथा में आए हुए श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।
- रिपोर्ट – सुशील गुप्ता

