मथुरा।  श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र में प्रस्तावित कोरिडोर निर्माण को लेकर आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास और सनातन हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी मथुरा के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन सौंपने पहुंचे न्यास के पदाधिकारियों और समर्थकों ने कोरिडोर निर्माण को भगवान श्रीकृष्ण की महिमा और भक्तों की सुविधा से जोड़ते हुए उसे अत्यंत आवश्यक बताया।

न्यास के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी ने कहा कि पहले मंदिर क्षेत्र में 10 एकड़ का विस्तृत बगीचा था, जहां गौमाता विचरण करती थीं। आज उस स्थान पर अवैध निर्माण जैसे घर, दुकानें और होटल बन गए हैं। उन्होंने आग्रह किया कि पुराने मंदिर प्रांगण और कोरिडोर क्षेत्र में हरियाली और बगीचा पुनर्स्थापित किया जाए, जिससे भगवान का परिवेश शुद्ध और भक्तिमय बने।

प्रदेश अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने कोरिडोर को समय की आवश्यकता बताया और कहा कि आज जब पूरी दुनिया सनातन संस्कृति की ओर आकर्षित हो रही है, तो स्वाभाविक रूप से बांके बिहारी मंदिर में भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कोरिडोर में फर्स्ट ऐड, शौचालय और व्यवस्थापूर्ण मार्ग होना आवश्यक है।

महा मंडलेश्वर रामदास जी ने चिंता जताते हुए कहा कि भारी भीड़ के कारण बच्चे और बुजुर्ग दर्शन से वंचित रह जाते हैं, जिससे श्रद्धालुओं में असंतोष फैलता है। उन्होंने कोरिडोर को भक्तों की सहज दर्शन व्यवस्था के लिए आवश्यक बताया।

महंत राधानंद गिरी (जूना अखाड़ा) ने दावा किया कि कोरिडोर बनने से श्रद्धालुओं की संख्या चार गुना तक बढ़ जाएगी, जिससे सेवायतों की आय भी बढ़ेगी और धार्मिक पर्यटन को भी बल मिलेगा।

विश्व हिंदू परिषद के नेता जयराम शर्मा ने सुझाव दिया कि मंदिर क्षेत्र में प्रस्तावित शौचालय और पार्किंग जैसी सुविधाएं मुख्य मंदिर से उचित दूरी पर बनाई जाएं ताकि परिसर की गरिमा बनी रहे।

ज्ञापन सौंपने वालों में नरेश ठाकुर, राहुल गौतम, सुनीता देवी, कन्हैया कौशिक, राज नारायण, हीरालाल मैथिल्य समेत विश्व हिंदू परिषद और अन्य सनातन संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कोरिडोर निर्माण को भक्तों की आस्था, सुरक्षा और सुविधा से जोड़ते हुए शीघ्र कार्यवाही की मांग की।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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