आगरा: ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन (ग्रापए), एक ऐसा संगठन जो गांव, कस्बों से लेकर प्रदेश और देश तक पत्रकारों की आवाज को बुलंद करता है, अब अपने कायाकल्प के लिए नए सिरे से सक्रिय हो रहा है। शुक्रवार को आगरा में आयोजित एक मंथन मंच ने इस संगठन की नई दिशा और दृष्टिकोण को रेखांकित किया। यह मंच पत्रकारों की समस्याओं, संवाद और समाधान के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ।

मंथन मंच: पत्रकारों की समस्याओं का समाधान

आगरा में एक वरिष्ठ पत्रकार के निवास पर आयोजित इस बैठक में तीन वरिष्ठ पत्रकारों ने शिरकत की। संगठन के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता नरेश सक्सेना ने बताया कि ग्रापए की स्थापना गढ़वार, बलिया से हुई थी, जिसे उन्होंने आगरा लाकर इसका विस्तार मंडल, प्रदेश और अब राष्ट्रीय स्तर तक किया। इस मंच पर संगठन को और सशक्त बनाने, खासकर उन राज्यों में जहां इसकी मौजूदगी अभी कमजोर है, वहां संवाद के जरिए सक्रियता बढ़ाने पर जोर दिया गया।

नए राज्यों में विस्तार की योजना

पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम सुंदर पाराशर ने गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में संगठन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पत्रकारिता की असली ताकत जमीनी स्तर की समस्याओं को उठाने में है। हमें तहसील से जिला मुख्यालय और फिर राष्ट्रीय स्तर तक संवाद का सेतु बनाना होगा। तभी ग्रापए को सही मायनों में सफलता मिलेगी।” उन्होंने गुजरात और राजस्थान में पत्रकारों की पीड़ा को सुनने के लिए शीघ्र ही एक बैठक आयोजित करने की इच्छा जताई।

राष्ट्रीय कार्यालय और प्रदेश संयोजकों का मनोनयन

नरेश सक्सेना ने देश की राजधानी दिल्ली में ग्रापए के राष्ट्रीय कार्यालय के उद्घाटन की तैयारियों और दिल्ली प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, गोवा, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में प्रदेश संयोजकों के मनोनयन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संगठन की अब तक की संरचना और गठन प्रक्रिया को साझा करते हुए पत्रकारों के हित में समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।

आगरा मंडल और जिला स्तर पर सक्रियता

आगरा मंडल अध्यक्ष अखिलेश सक्सेना और जिला अध्यक्ष विष्णु सिकरवार ने शंकर देव तिवारी के साथ दूरभाष पर संगठन के उत्थान पर विचार-विमर्श किया। विष्णु सिकरवार को आगरा जिले की तहसील स्तर की एक ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए दिशा-निर्देश दिए गए।

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन (ग्रापए) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर देव तिवारी और आगरा मंडल के महासचिव सन्त कुमार भारद्वाज के बीच संगठन के विस्तार को लेकर एक महत्वपूर्ण टेलीफोनिक वार्ता हुई। इस चर्चा में संगठन को और सशक्त बनाने, पत्रकारों के हितों की रक्षा और ग्रामीण पत्रकारिता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रभावशाली विचार साझा किए गए।

पत्रकारिता में मिशन की भावना

श्याम सुंदर पाराशर ने जोर देकर कहा कि पत्रकारिता को मिशन की भावना के साथ जनहित में करना होगा। उन्होंने कहा, “शासन और प्रशासन की कमियों को उजागर कर देश, प्रदेश और समाज के हित को सर्वोपरि रखना एक पत्रकार की जिम्मेदारी है।”

आभार और भविष्य की योजना

बैठक के अंत में मान्यता प्राप्त पत्रकार श्रीकांत पाराशर ने सभी का आभार व्यक्त किया और इस सार्थक चर्चा के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय और सामूहिक प्रयासों से ग्रापए नई ऊंचाइयों को छूएगा।

ग्रापए का भविष्य

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन न केवल पत्रकारों की समस्याओं को उठाने बल्कि उनके हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत मंच के रूप में उभर रहा है। दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यालय का उद्घाटन और विभिन्न राज्यों में संगठन का विस्तार इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह संगठन पत्रकारिता को जमीनी स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए कटिबद्ध है, ताकि पत्रकारों की आवाज हर मंच पर गूंजे।

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