रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान को सेना पर विवादित बयान देने के 2017 के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर आज़म खान को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। यह मामला तब दर्ज हुआ था जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज़म ने सेना को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इस पर शहर विधायक आकाश सक्सेना ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में लंबे समय से चल रही थी। आखिरकार अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाकर आज़म खान को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।

इसी बीच, आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म लगातार अदालतों के फैसलों के कारण सुर्खियों में हैं। बीते 5 दिसंबर को रामपुर कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट मामले में अब्दुल्ला को 7 साल की सजा सुनाई थी। इससे पहले भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड बनवाने के मामलों में उन्हें सात–सात साल की सजा मिल चुकी है। अदालत ने उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह अब्दुल्ला की तीसरी सजा है।

फिलहाल अब्दुल्ला आज़म अपने पिता आज़म खान के साथ रामपुर जिला कारागार में बंद हैं। उनके खिलाफ चल रहे मामलों ने प्रदेश की राजनीति में नया तनाव पैदा कर दिया है।
अब्दुल्ला पर आरोप था कि उन्होंने दो अलग-अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पासपोर्ट बनवाए, जिसे लेकर यह केस लंबे समय से चर्चा में था।

अदालत के ताजा फैसलों के बाद रामपुर की सियासत फिर से गर्म हो गई है और आने वाले दिनों में इसके राजनीतिक असर भी स्पष्ट दिखाई दे सकते हैं।

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