एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के मिरहची क्षेत्र में स्थित सरस्वती शिशु ज्ञान मंदिर जूनियर हाईस्कूल में धार्मिक विवाद के कारण सोमवार को हंगामा हुआ। अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रशासन पर हनुमान चालीसा पर रोक लगाने, देवी-देवताओं की तस्वीरें हटाने और हनुमान जी की तस्वीर का अपमान करने का आरोप लगाया। हंगामे के बाद प्रधानाचार्य रामनरेश शाक्य ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगकर मामला शांत किया। मंगलवार को पुलिस बल की तैनाती के बीच स्कूल में सामान्य रूप से पढ़ाई शुरू हुई।

अभिभावकों का आरोप था कि प्रधानाचार्य रामनरेश शाक्य ने स्कूल में हनुमान चालीसा के पाठ पर रोक लगा दी थी और देवी-देवताओं की तस्वीरें हटाकर गौतम बुद्ध की तस्वीर लगवा दी थी। 10 सितंबर को एक कथित वीडियो वायरल होने के बाद, जिसमें प्रधानाचार्य पर हनुमान जी की तस्वीर पर चांटा मारने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा, ग्रामीणों और हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने गोलमोल तरीके से माफी मांगी थी, लेकिन अभिभावक और स्थानीय लोग संतुष्ट नहीं हुए।

हंगामे की समयरेखा

  • 10 सितंबर: स्कूल में हनुमान जी की तस्वीर के अपमान का वीडियो वायरल होने के बाद अभिभावकों और हिंदू संगठनों ने स्कूल का घेराव किया। मामला बढ़ने पर स्कूल प्रशासन ने प्रारंभिक माफी मांगी, लेकिन यह स्वीकार नहीं हुई।

  • 10-14 सितंबर: बरेली में शिक्षकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण के कारण स्कूल बंद रहा।

  • 15 सितंबर (सोमवार): स्कूल के दोबारा खुलने पर अभिभावकों और हिंदू संगठनों ने फिर से स्कूल का घेराव किया। भीड़ ने स्कूल गेट पर प्रदर्शन किया और प्रधानाचार्य से हनुमान जी की प्रतिमा के सामने सार्वजनिक माफी की मांग की।

  • पुलिस का हस्तक्षेप: सूचना मिलने पर सीओ सदर संजय सिंह, एएसपी क्राइम योगेंद्र सिंह, मिरहची और मारहरा थाना पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने स्कूल परिसर में डेरा डाला।

  • माफी और समाधान: हंगामे के बाद स्कूल के प्रबंधक सतीश कुमार और प्रधानाचार्य रामनरेश शाक्य ने स्कूल के सामने स्थित हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष हाथ जोड़कर सार्वजनिक माफी मांगी और गलती पर खेद जताया। इसके बाद मामला शांत हुआ।

  • 16 सितंबर (मंगलवार): विवाद की आशंका को देखते हुए स्कूल में पुलिस बल तैनात रहा। स्कूल सामान्य रूप से खुला और पठन-पाठन सुचारू रूप से हुआ।

अभिभावकों और संगठनों की मांग

अभिभावकों और हिंदू संगठनों का कहना था कि स्कूल प्रशासन ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। उनकी मांग थी कि:

  • हनुमान चालीसा और अन्य धार्मिक गतिविधियों पर कोई रोक न लगे।

  • हटाई गई देवी-देवताओं की तस्वीरें पुनः स्थापित की जाएं।

  • प्रधानाचार्य सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और भविष्य में धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें।

स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रधानाचार्य रामनरेश शाक्य और प्रबंधक सतीश कुमार ने विवाद को समाप्त करने के लिए माफी मांगी। उन्होंने हनुमान जी की प्रतिमा के सामने खेद जताया और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। स्कूल प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था।

प्रशासनिक और पुलिस की भूमिका

पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीओ और एएसपी की मौजूदगी ने यह सुनिश्चित किया कि हंगामा हिंसक रूप न ले। मंगलवार को स्कूल में पुलिस की तैनाती से शांति व्यवस्था बनी रही और पढ़ाई बिना किसी व्यवधान के शुरू हुई।

एटा के मिरहची में सरस्वती शिशु ज्ञान मंदिर में हुआ यह विवाद धार्मिक संवेदनशीलता का एक उदाहरण है। हालांकि, प्रधानाचार्य की माफी और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मामला शांत हो गया। यह घटना स्कूल प्रशासनों के लिए एक सबक है कि धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है। मंगलवार को स्कूल के सामान्य रूप से खुलने और पढ़ाई शुरू होने से स्थिति सामान्य हो गई है।

  • रिपोर्ट – सुनील गुप्ता
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