आगरा। शिक्षकों को TET परीक्षा अनिवार्यता से मुक्त करने के लिए अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ नेतृत्व के आह्वान पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने पीएम और सीएम के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा।

संघ के प्रदेश संगठन मंत्री बृजेश दीक्षित ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश में शिक्षक बने रहने के लिए TET उत्तीर्ण करना अनिवार्य का जो आदेश जारी किया गया है वह गलत तथ्यों के आधार पर है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में शिक्षक नियुक्त होने अथवा प्रोन्नति को TET उत्तीर्णता को अनिवार्य किया गया था, जिसमें अधिनियम लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी TET उत्तीर्ण होना अनिवार्य होने से संबंधित कोई आदेश दिशा-निर्देश नहीं था, न ही भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कार्यवाही की गई।
जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र कंसाना ने कहा कि इस आदेश में मात्र पांच साल की सेवा बचे लोगों को छूट दी गई है। परंतु प्रोन्नति में उन्हें भी छूट नहीं दी गई है, जिससे प्रदेश के लगभग 8 लाख शिक्षक/शिक्षिकाओं की नौकरी/प्रोन्नति पर खतरा उत्पन्न हो गया है। वहीं TET उत्तीर्ण करने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दो वर्षों का समय दिया गया है ऐसे में प्रदेश के शिक्षक-शिक्षिकाओं को TET उत्तीर्ण होना संभव प्रतीत नहीं होता है।

ज्ञापन देने वालों में जिलामंत्री बृजेश दीक्षित, माण्डलिक मंत्री ओमवीर डागुर, शिवनाथ बघेल, मुनेंद्र राठौर, राकेश त्यागी, राजेन्द्र त्यागी, राहुल कौशिक, राघवेंद्र सिकरवार, हरेंद्र कुमार वर्मा, रविन्द्र बघेल, भनवीर सिंह, मनोज शर्मा, सूरज शर्मा, कृष्ण गोपाल उपाध्याय, राजेश पाण्डेय, विकास चतुर्वेदी, सुनील कटारा, नंद किशोर शर्मा, समुद्र सिंह, शिव सिंह धाकड़, राकेश कुमार, शिवकुमार शर्मा, शिल्पी राजपूत, रतनेश सोनी, रीनू वर्मा, चेतन शर्मा, सुधीर दीक्षित, अशोक अरेला, दिनेश शर्मा, दिव्यांशु तिवारी, राजेश शर्मा, प्रदीप चैधरी, तिलक चंद्र पचैरी, सुरेश चाहर, मनीष कोहली, अजीत नरवरिया, आनंद प्रकाश शर्मा, रंजना शर्मा, शिवनरेश सिसौदिया, गौरव शर्मा, संतोष राजपूत, मुकेश शर्मा, हरिमोहन शर्मा, रत्नेश कुमार, मनीषा यादव, बिंदु यादव, निजामुद्दीन, रामराज सिंह, सुनील कुमार, दीपक वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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