मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के बहसूमा क्षेत्र में सोमवार देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे ने एक पुलिसकर्मी की जान ले ली। बाइक पर सवार सिपाही सचिन यादव और उनके साथी सोनू को तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने जोरदार टक्कर मार दी, जिससे सिपाही की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को कब्जे में ले लिया है, जबकि चालक फरार होने में सफल रहा।
घटना का पूरा विवरण
हादसा मेरठ के बहसूमा थाना क्षेत्र के बटावली रोड पर किसान दारा सिंह के खेत के सामने लगभग सात बजे हुआ। शामली जिले के पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर तैनात सिपाही सचिन यादव (उम्र करीब 35 वर्ष) बटावली गांव के निवासी थे। वे अपने साथी सोनू कुमार (पुत्र मांगे लाल, संविदा लाइनमैन, मौड खुर्द बिजलीघर पर तैनात) के साथ स्प्लेंडर बाइक पर गांव की ओर जा रहे थे। अचानक सामने से तेज गति से आ रही एक स्कॉर्पियो कार ने उनकी बाइक में सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खेत में पलट गई।
दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने फौरन 112 नंबर पर कॉल की, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को पहले कस्बे के एक निजी क्लिनिक में ले जाया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर होने पर उन्हें मेरठ के जसवंत राय अस्पताल रेफर कर दिया गया। देर रात अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने सिपाही सचिन यादव को मृत घोषित कर दिया। वहीं, सोनू की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और वे अस्पताल में भर्ती हैं।
पुलिस की कार्रवाई और चालक की तलाश
मौके पर पहुंची बहसूमा थाने की पुलिस ने क्षतिग्रस्त बाइक और स्कॉर्पियो को कब्जे में ले लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि स्कॉर्पियो का चालक हादसे के बाद मौके से फरार हो गया। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रतिभा सिंह ने बताया कि चालक की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं और सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है। सीओ पंकज लवानिया ने पुष्टि की कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। घटनास्थल पर हेलमेट नहीं मिलने से पुलिस ने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर भी नोटिस जारी करने की बात कही है।
परिवार का दर्द और अंतिम संस्कार
सचिन यादव जयवीर यादव के पुत्र थे। उनके परिवार में पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा है। हादसे की सूचना मिलते ही परिजन मेरठ पहुंचे और शव को बटावली ले गए। मंगलवार सुबह गांव के श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिवार के सदस्य सदमे में हैं और चुपचाप रो रहे थे। एक परिजन ने बताया कि सचिन ड्यूटी से लौट रहे थे और परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य थे।

