वृंदावन, मथुरा | वृंदावन में कथावाचक संत प्रेमानंद महाराज के कथित तौर पर महिलाओं और लड़कियों को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उनके बयान—जिसमें उन्होंने कहा कि “100 में से केवल 4 लड़कियां ही पवित्र होती हैं” और यह भी आरोप लगाया कि “आजकल की लड़कियों को एक साथ चार-चार लड़कों से अफेयर करने की आदत है”—से स्थानीय महिलाओं और समाजसेवियों में गहरा आक्रोश है।
यह मामला उस समय सामने आया जब अभी हाल ही में एक अन्य कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य द्वारा बहन-बेटियों पर की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर विरोध की आग ठंडी भी नहीं हुई थी। प्रेमानंद महाराज के कथन को महिला विरोधी बताते हुए वृंदावन की महिलाओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
“कौन होते हैं हमारे चरित्र का मूल्यांकन करने वाले?”
स्थानीय महिला संगठनों और युवतियों ने महाराज के बयान को न केवल आपत्तिजनक बल्कि महिला समाज का अपमान करार दिया है। एक स्थानीय महिला कार्यकर्ता ने कहा, “जो व्यक्ति खुद को संत कहता है, अगर वही इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करेगा तो समाज को क्या दिशा देगा? हमें ऐसे कथावाचकों की कोई ज़रूरत नहीं जो महिलाओं का अपमान करते हों।”
संतों की मर्यादा पर सवाल
मथुरा-वृंदावन जैसे धर्म और संस्कृति के केंद्र माने जाने वाले स्थानों पर इस प्रकार की बयानबाज़ी से वहां के संत समाज की छवि पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। कई लोगों ने यह सवाल उठाया है कि क्या आज के संत मर्यादा और संयम की राह छोड़कर व्यक्तिगत टिप्पणियों में उलझ गए हैं?
प्रशासन और संत समाज की चुप्पी
इस मामले पर अभी तक प्रशासन या किसी प्रमुख धार्मिक संस्था की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से फैल रहा है।
महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे बयानों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे संगठित होकर विरोध प्रदर्शन करेंगी और ऐसे संतों का सामाजिक बहिष्कार भी किया जाएगा।