लखनऊ/बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद स्थिति भले ही अब शांत है, लेकिन प्रशासन एहतियात बरतने में कोई ढिलाई नहीं कर रहा। शहर में भारी सुरक्षाबल की तैनाती है। इसी बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज बरेली जाकर हालात का जायजा लेना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी।


लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय के आवास के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया और पीजीआई थाना की ओर से नोटिस जारी कर दौरे से रोक दिया गया। वहीं, सांसद जियाउर्रहमान बर्क के आवास को भी पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया है, जिससे उनकी स्थिति ‘हाउस अरेस्ट’ जैसी हो गई है।

प्रशासन का आदेश

बरेली जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू है। इसके तहत किसी भी बाहरी व्यक्ति, संगठन या जनप्रतिनिधि को सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना जिले की सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि साम्प्रदायिक संवेदनशीलता को देखते हुए किसी भी तरह का राजनीतिक या सामाजिक दौरा रोका जाए।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता

सपा के इस प्रस्तावित प्रतिनिधिमंडल में माता प्रसाद पांडे के अलावा सांसद हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, मोहिबुल्लाह, नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव और प्रवीण सिंह ऐरन शामिल थे।

बरेली में हालात और सुरक्षा व्यवस्था

बीते शुक्रवार को बरेली के चार प्रमुख इलाकों में भारी सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इस दौरान 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहे। हालांकि एहतियात के तौर पर इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं अभी भी बंद रखी गई हैं।


नौमहला मस्जिद और आला हजरत दरगाह पर इस बार भीड़ कम रही, बाजारों में दुकानें बंद रहीं और पुलिस लगातार गश्त करती रही। व्यापारी और आम लोग सुरक्षा कारणों से घरों में ही रहे।

2000 से ज्यादा लोगों पर मुकदमा

गौरतलब है कि 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद 2000 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही 10 नामजद एफआईआर दर्ज हुईं और स्थानीय मौलवी तौकीर रजा खान समेत कम से कम 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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