अलीगढ़। गांव बड़ा रूख (कोढ़ा) की पुण्यभूमि पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव भक्तिभाव से ओतप्रोत वातावरण में संपन्न हो रहा है। श्री अमरदास बाबा जी की असीम कृपा और संत श्री ज्ञानानंद ब्रह्मचारी जी के दिव्य सान्निध्य में चल रही इस सात दिवसीय कथा के पंचम दिवस पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

इस पावन अवसर पर कथा बाल व्यास आरती भारद्वाज ने अपनी मधुर, सरस एवं भावप्रवण वाणी में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का अत्यंत सुंदर और हृदयस्पर्शी चित्रण किया। गोपियों द्वारा यशोदा मैया को दिए गए उलाहने, माखन चोरी की चंचल लीलाएं, तथा बाल रूप में श्रीकृष्ण के वात्सल्य एवं माधुर्य से परिपूर्ण विविध प्रसंगों को उन्होंने ऐसे जीवंत रूप में प्रस्तुत किया कि उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।

बाल व्यास आरती भारद्वाज ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि उनमें गहरे आध्यात्मिक रहस्य निहित हैं। उनका संदेश था कि श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला धर्म, प्रेम, त्याग और विवेक का प्रतीक है, जो मानव जीवन को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। उन्होंने यह भी कहा कि बालकृष्ण केवल ग्वालबालों के सखा नहीं, अपितु सम्पूर्ण ब्रह्मांड की चेतना के स्वरूप हैं, जिनकी लीलाएं आत्मा को परम तत्व से जोड़ने वाली हैं।

इस अवसर पर गांव के प्रमुख समाजसेवी, गणमान्य नागरिक और श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से उमाशंकर गौतम, देवीराम शर्मा, रणवीर सिंह, वीरपाल सिंह, रामवीर शर्मा, संतोष शर्मा, वृषभानु शर्मा, रामफल शर्मा, बच्चू सिंह, कालू फौजी, जगदीश सिंह डेयरी वाले सहित सैकड़ों ग्रामवासी श्रद्धापूर्वक कथा श्रवण हेतु पधारे।

कथा स्थल को सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया था। संपूर्ण वातावरण में भक्ति रस की निर्मल धारा प्रवाहित हो रही थी। श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण, जल व्यवस्था एवं बैठने की उत्तम व्यवस्थाएं की गई थीं, जिससे हर व्यक्ति को सहज और सन्तोषप्रद अनुभव प्राप्त हुआ।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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