नई दिल्ली: कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के कथित जीवन पर बनी वेब सीरीज ‘यूपी 77’ की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि मौजूदा तथ्यों से स्ट्रीमिंग पर रोक का कोई ठोस आधार नहीं बनता। हालांकि, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। सीरीज 25 दिसंबर को रिलीज होने वाली है।
कोर्ट ने फिक्शन के दावे पर भरोसा जताया
सुनवाई में कोर्ट ने पूछा कि क्या सीरीज पूरी तरह काल्पनिक है। निर्माताओं के वकील ने बताया कि हर एपिसोड की शुरुआत में डिस्क्लेमर है, जिसमें साफ लिखा है कि यह फिक्शनल है और किसी वास्तविक व्यक्ति या घटना से संबंधित नहीं। पात्रों के नाम भी बदल दिए गए हैं (विकास दुबे की जगह ‘विशाल दुबे’)। निर्माताओं ने डिस्क्लेमर को और स्पष्ट करने और हलफनामा दाखिल करने का आश्वासन दिया।
परिवार की आपत्ति: छवि और निजता का उल्लंघन
विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की याचिका में कहा गया कि प्रोमो में इसे ‘भारत का सबसे चर्चित एनकाउंटर’ बताया गया है, जो स्पष्ट रूप से विकास दुबे की जिंदगी पर आधारित लगती है। इससे परिवार की बदनामी होगी और निजता का अधिकार भंग होगा। निर्माताओं ने जवाब दिया कि सभी जानकारियां पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं।
विकास दुबे एनकाउंटर मामला क्या था?
10 जुलाई 2020 को उज्जैन से कानपुर लाते समय पुलिस वाहन पलटने के बाद विकास दुबे ने कथित तौर पर भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया। इससे पहले उसके 5 सहयोगी अलग-अलग एनकाउंटर में मारे गए। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी.एस. चौहान आयोग ने 2022 में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी थी।

