आगरा। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आगरा की वक्फ संपत्तियों में करोड़ों की हेराफेरी और फर्जीवाड़े के मामले में कमेटी के सचिव आजम खां मलिक की शिकायत पर पुलिस ने समिति के अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद और उसके भाई फैसल सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर में करीब 50 लाख रुपये के गबन, फर्जी हस्ताक्षर से कूटरचित पत्र बनाने, समिति कार्यालय पर कब्जा करने और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं।

सचिव आजम खा मलिक ने शिकायत में कहा है कि 12 नवंबर 2021 को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ ने वक्फ नंबर 74-94 आगरा की प्रबंध समिति का गठन किया था। इसमें उन्हें सचिव और मोहम्मद जाहिद को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। आरोप है कि इसके बाद जाहिद और उसका भाई फैसल गैरकानूनी तरीके से वक्फ संपत्तियों का किराया वसूलने लगे और कुछ संपत्तियों का ट्रांसफर कर दिया।

इस दौरान उन्होंने लगभग 50 लाख रुपये किरायेदारों से वसूलकर अपने पास रख लिए, जो वक्फ खाते में जमा नहीं किए गए। सचिव आजम खां ने बताया कि प्रबंध समिति ने 10 अक्टूबर 2022 और 15 सितंबर 2024 को बैठक कर जाहिद को बहुमत से हटाने का प्रस्ताव पारित कर वक्फ बोर्ड को भेजा। जांच के दौरान जाहिद ने खुद स्वीकार किया कि उसके पास 50 लाख रुपये हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड अधिकारियों की मिलीभगत से कार्रवाई रोक दी गई।

नौ अगस्त 2025 को जाहिद के भाई फैसल ने व्हाट्सऐप ग्रुप पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ के फर्जी हस्ताक्षर से कूटरचित पत्र जारी किया, जिसमें सचिव के अधिकार खत्म करने का दावा किया गया। इस पत्र को असली साबित करने के लिए जाहिद ने ऑडियो भी वायरल किया। सचिव का कहना है कि जाहिद ने जामा मस्जिद कार्यालय पर ताला तोड़कर कब्जा कर लिया और उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि जामा मस्जिद के पेश इमा

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