फतेहाबाद/आगरा: मनरेगा योजना में किए गए बड़े बदलावों को लेकर फतेहाबाद विकासखंड की सभी ग्राम पंचायतों में शुक्रवार को बैठकें आयोजित की गईं। बैठकों में ग्रामीणों को नई व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि योजना को भली-भांति समझकर उसे धरातल पर प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
बैठक को संबोधित करते हुए खंड विकास अधिकारी रजत कुशवाहा एवं एपीओ सुशील कुमार निगम ने संयुक्त रूप से बताया कि मनरेगा के अंतर्गत वीबीजी (विकसित भारत गारंटी) राम अधिनियम–2025 लागू किया जा रहा है, जिसके तहत योजना में व्यापक परिवर्तन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब ग्रामीण मजदूरों को 100 दिन के स्थान पर 125 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि परिवार-आधारित मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण आधारभूत संरचना को मजबूत करने, जल संरक्षण, प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम तथा पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी कार्य पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से कराए जाएंगे और मनरेगा श्रमिकों को अतिरिक्त सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।इसके साथ ही अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि खेतों में बुबाई (सिंचाई) और फसल की कटाई के समय 60 दिनों तक मनरेगा के कार्य नहीं कराए जाएंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि कृषि कार्य प्रभावित न हों और ग्रामीण मजदूर इस अवधि में खेती से जुड़े कार्यों में संलग्न रह सकें।
निर्धारित समयावधि के बाद मनरेगा कार्य पुनः प्रारंभ किए जाएंगे।बैठक में यह भी बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास सहित अन्य आवश्यक कार्यों को चिन्हित कर एक सुनिश्चित कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे गांवों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।अधिकारियों ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनता को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और गांवों में सतत विकास को गति देना है। बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण, पंचायत प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
- रिपोर्ट – सुशील गुप्ता

