मैनपुरी: जिले के जगरूपपुर गांव में 6 सितंबर को कूड़ा डालने के एक मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जब चाचा-भतीजे की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन कासगंज के पटियाली थाने में तैनात सिपाही अजीत उर्फ जीतू राजपूत और दो अन्य आरोपी अभी तक फरार हैं। घटना के 11 दिन बाद भी कोतवाली पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई है, जबकि जीतू के सरेंडर की खबरें आ रही हैं।

घटना की शुरुआत योगेंद्र सिंह और उनके पड़ोसी सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी भूदेव सिंह के बीच कूड़ा डालने को लेकर हुई। बहस बढ़ने पर भूदेव के शिक्षक पुत्र अवनीश ने रिपीटर राइफल लेकर मौके पर पहुंच गया। इसी बीच, भूदेव का भाई और पटियाली थाने में तैनात आरक्षक अजीत उर्फ जीतू राजपूत गांव के युवकों बॉबी व सागर से भिड़ गया।

गुस्से में अवनीश ने योगेंद्र सिंह पर गोली चला दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। योगेंद्र के भतीजे विनय को भी गोली लगी, जो घायल हो गया। उपचार के दौरान विनय की भी जान चली गई। इस दोहरे हत्याकांड ने पूरे गांव को सन्नाटे में डुबो दिया।

गिरफ्तारियां और फरार आरोपी

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए भूदेव सिंह और उनके पुत्र अवनीश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, घटना में नामजद तीन अन्य आरोपी—आरक्षक अजीत उर्फ जीतू राजपूत, बॉबी और सागर—अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। कोतवाली पुलिस इनकी तलाश में छापेमारी कर रही है।

आरक्षक जीतू के खिलाफ कार्रवाई के लिए कासगंज के एसपी को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जीतू जिले में ही छिपा हुआ है और कुछ सहयोगियों के माध्यम से गांव व पुलिस गतिविधियों की जानकारी ले रहा है।

सरेंडर की योजना: सितंबर अंत तक संभावना

जानकारी के मुताबिक, फरार आरक्षक जीतू राजपूत न्यायालय में आत्मसमर्पण की तैयारी कर रहा है। वह सितंबर माह के अंत तक सरेंडर कर सकता है। पुलिस को इसकी भनक लग चुकी है, इसलिए निगरानी बढ़ा दी गई है। जीतू का सरेंडर होने पर मामले में नया मोड़ आ सकता है, लेकिन पुलिस किसी भी eventuality के लिए तैयार है।

गांव में तनाव, पुलिस की सतर्कता

इस घटना के बाद जगरूपपुर गांव में तनाव का माहौल है। दोनों पक्षों के बीच पुरानी रंजिश की बातें भी सामने आ रही हैं। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि जांच जारी है और फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

यह दोहरा हत्याकांड न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पर भी बहस छेड़ता है। मृतकों के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि पुलिस पूरे मामले की गहन जांच में जुटी हुई है।

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