वाराणसी/नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इसी दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष देव दीपावली 5 नवंबर 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा घाटों पर भव्य रूप से दीपदान किया जाता है, जहां लाखों दीप जलाकर देवताओं का स्वागत किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवता धरती पर अवतरित होते हैं और गंगा स्नान से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

तिथि और शुभ मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 4 नवंबर 2025, रात 10:36 मिनट से।
कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 नवंबर 2025, शाम 06:48 मिनट तक।
देव दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल): 5 नवंबर, शाम 5:15 बजे से 7:50 बजे तक।
गंगा स्नान मुहूर्त: सुबह ब्रह्म मुहूर्त (लगभग 4:30 बजे) से पूर्णिमा समाप्ति तक।

देव दीपावली का महत्व

पौराणिक कथा: मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया, जिससे देवताओं ने खुशी में दीप जलाए। इसलिए इसे ‘देवों की दीपावली’ कहा जाता है।
धार्मिक लाभ: गंगा स्नान, दीपदान, दान-पुण्य और भगवान विष्णु की पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व भी है, इसलिए सिख समुदाय में भी उत्साह रहता है।

वाराणसी में आयोजन:

काशी के घाटों पर 10 लाख से अधिक दीप जलाए जाते हैं। गंगा आरती का भव्य दृश्य देखते ही बनता है। उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा और साफ-सफाई के विशेष इंतजाम किए जाते हैं।

पूजा विधि और क्या करें

सुबह उठकर स्नान: गंगा या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
पूजा सामग्री: दीपक, घी, अगरबत्ती, फूल, फल, मिठाई, तुलसी पत्र।
विधि:

शाम को प्रदोष काल में घर या घाट पर दीप जलाएं।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जापन जाप करें।
गंगा मैया को दीप अर्पित करें।
ब्राह्मणों को दान दें (अन्न, वस्त्र, धन)।


व्रत नियम:

पूर्णिमा व्रत रखें, फलाहार करें। रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें।

सावधानियां

भीड़ भाड़ वाले घाटों पर सतर्क रहें।
प्रदूषण से बचाव के लिए इको-फ्रेंडली दीपक इस्तेमाल करें।
मौसम विभाग के अनुसार, 5 नवंबर को उत्तर भारत में हल्की ठंड रहेगी, गर्म कपड़े साथ रखें।

देव दीपावली प्रकाश और आध्यात्मिकता का पर्व है। इसे मनाकर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय पंडितों या पंचांग से संपर्क करें

error: Content is protected !!
Exit mobile version