लखनऊ/भिवंडी।   गाजा युद्ध की त्रासदी का फायदा उठाकर निर्दोष लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी से तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, जो सोशल मीडिया के जरिए लोगों की हमदर्दी का शोषण कर रहे थे। आरोपियों ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर भावुक वीडियो और मैसेज शेयर कर गाजा के पीड़ितों – खासकर महिलाओं और बच्चों – के लिए खाना, पानी, कपड़े और दवाइयां पहुंचाने का दावा किया था। लेकिन इकट्ठा किए गए पैसे का ज्यादातर हिस्सा उनके निजी खर्चों और संदिग्ध गतिविधियों में उड़ा दिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और modus operandi

गिरफ्तार आरोपियों के नाम मोहम्मद अयान (23 वर्ष), जैद नोटियार उर्फ जैद अब्दुल कादिर (22 वर्ष) और अबू सूफियान (22 वर्ष) हैं। तीनों भिवंडी के स्थानीय निवासी हैं और ATS की संयुक्त टीम ने शनिवार रात को अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर इन्हें पकड़ा।   जांच एजेंसी के अनुसार, ये आरोपी एक ग्रीस-आधारित मास्टरमाइंड के इशारों पर काम कर रहे थे, जो सोशल मीडिया कैंपेन चलाने के निर्देश देता था। उन्होंने कई फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए, जहां गाजा की दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो (कई बार अन्य आपदाओं से चुराई गई) शेयर कर दान की अपील की जाती थी।

दानदाताओं से पैसे UPI आईडी और निजी बैंक खातों के जरिए वसूले जाते थे। ATS के मुताबिक, इस रैकेट ने पूरे देश में कम से कम 20 राज्यों से लगभग 5 करोड़ रुपये इकट्ठा किए, लेकिन ये फंड्स गाजा नहीं पहुंचे। इसके बजाय, इन्हें डिजिटल वॉलेट्स के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग कर ग्रीस और मध्य यूरोपीय देशों में ट्रांसफर किया गया।  कुछ रिपोर्ट्स में फंड्स को पर्सनल यूज और संभावित एंटी-नेशनल एक्टिविटीज से जोड़ा गया है, जिसकी गहन जांच चल रही है।

कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

लखनऊ के ATS थाने में BNS की धारा 152 (राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा), 318(4) (धोखाधड़ी) और 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है।  आरोपियों को नॉन-बेलेबल वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया और वे मंगलवार को मुंबई कोर्ट में पेश किए जाएंगे, जहां से ट्रांजिट रिमांड लेकर लखनऊ लाए जाएंगे। ATS पुलिस रिमांड मांगने की तैयारी में है, ताकि फंड्स के फ्लो, सोशल मीडिया एक्टिविटी और अन्य सहयोगियों की जानकारी हासिल की जा सके।

व्यापक साजिश का खुलासा

ATS के सूत्रों ने बताया कि यह रैकेट सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं था, बल्कि पैन-इंडिया स्तर पर फैला हुआ था। ग्रीस से संचालित होने के कारण विदेशी फंडिंग और टेरर फाइनेंसिंग के एंगल से भी जांच हो रही है।   इसी तरह के अन्य केसों में गुजरात पुलिस ने एक सीरियाई नागरिक को गाजा रिलीफ फ्रॉड में गिरफ्तार किया था, जो दर्शाता है कि यह समस्या राष्ट्रीय स्तर की है।

जन जागरूकता: सावधानी बरतें

ATS ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर आने वाली किसी भी दान अपील पर भरोसा करने से पहले उसकी वैरिफिकेशन करें। फर्जी वीडियो और अपील्स से सतर्क रहें, और केवल मान्यता प्राप्त संगठनों के जरिए ही दान दें। यह घटना मानवीय संकट के समय ठगों की करतूतों को उजागर करती है, जहां भावनाओं का शोषण सबसे बड़ा हथियार बन जाता है।

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