बरसाना पुलिस का शर्मनाक कारनामा: 90 वर्षीय चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्ग महिला को बनाया हत्या के प्रयास का आरोपी

जमीनी विवाद में पुलिस ने बुजुर्ग महिला समेत 9 पर दर्ज किया मुकदमा, पैसे और प्रभाव का खेल उजागर

मथुरा/बरसाना।बरसाना थाने की पुलिस इन दिनों फिर सुर्खियों में है, इस बार वजह है 90 वर्षीय लाचार वृद्धा बरको देवी को हत्या के प्रयास जैसे संगीन अपराध में आरोपी बना देना। न चल पाने वाली, न देख सकने वाली इस महिला के ऊपर आरोप है कि उसने “साफी से गला घोंटकर मारने की कोशिश की।”

बरको देवी की हालत देखकर कोई भी दंग रह जाएगा – नज़र कमजोर, शरीर से असहाय, चलने-फिरने में पूरी तरह दूसरों पर निर्भर। बावजूद इसके, पुलिस ने न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया बल्कि उसके बेटे हरिश्चंद्र और अन्य परिजनों को भी गंभीर धाराओं में आरोपी बना दिया।

बरको देवी ने जिला मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों को बताया,

> “मैं न चल सकती हूं, न देख सकती हूं, फिर भी मुझे हत्यारिन बना दिया। मेरा क्या कसूर है? ठाकुर जी ही मेरे गवाह हैं।”



भूमाफियाओं के इशारे पर हुआ मुकदमा?

परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि यह पूरा मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है। बरको देवी के बेटे रमेश ने हाल ही में अपने हिस्से की ज़मीन बेची थी। वृद्धा जब उस ज़मीन पर बैठी, तो विरोधी पक्ष ने दबाव बनाकर बरसाना पुलिस से फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया।

परिवार का दावा है कि स्थानीय भूमाफिया सत्तो बनिया, विशंभर सेठ, गुड्डू सेठ, और संजय सेठ के इशारे पर पुलिस ने बिना जांच के मामला दर्ज किया। यह वही लोग हैं जिन पर पहले भी संगीन आपराधिक मुकदमे चल चुके हैं।

पैसे वालों का दबदबा, गरीबों की अनदेखी

बरको देवी के पुत्र हरिश्चंद्र ने कहा,

> “हम गरीब लोग हैं, हमारी कोई सुनवाई नहीं। पैसे के बल पर पुलिस ने हमें झूठे मुकदमे में फंसा दिया। पूरे गांव में पूछ लो, असली गुन्हेगार कौन हैं।”



बरसाना पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में

बरसाना के नवागत इंस्पेक्टर पर पहले भी विवादों के बादल मंडला चुके हैं। हाल ही में गोवर्धन क्षेत्र में एक पत्रकार के साथ मारपीट और अब यह बुजुर्ग महिला का प्रकरण  यह सब बरसाना पुलिस की निष्पक्षता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।

योगी सरकार की छवि पर धब्बा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम करने का दावा करती है, लेकिन बरसाना पुलिस की ऐसी कार्यशैली सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रही है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि यदि समय रहते निष्पक्ष जांच न हुई तो यह अन्याय और भी गहरा होगा।

मांग: निष्पक्ष जांच व दोषियों पर कार्रवाई

बरको देवी और उनके परिवार ने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, भूमाफियाओं और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, और बुजुर्ग महिला को न्याय मिले।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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