• शिक्षक संगठनों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा।
• रिश्वतखोरी के आरोपों में कोषाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग।
• जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग।
रिपोर्ट 🔹मुकेश शर्मा
बाह (आगरा)। जीपीएफ और पेंशन भुगतान में भ्रष्टाचार के आरोपों से नाराज शिक्षकों का गुस्सा मंगलवार को सड़कों पर फूट पड़ा। प्राथमिक शिक्षक संघ यूटा के बैनर तले बाह, जैतपुर और पिनाहट ब्लॉकों के सैकड़ों शिक्षकों ने एकजुट होकर जोरदार विरोध मार्च निकाला। गुस्साए शिक्षक तहसील परिसर पहुंचे और “भ्रष्ट कोषाधिकारी रीता सचान को बर्खास्त करो”, “रिश्वतखोर को जेल भेजो” जैसे तीखे नारों से माहौल गुंजा दिया।
आक्रोशित शिक्षकों ने प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार दयानंद पौरुष को सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि ट्रेजरी में जीपीएफ भुगतान, प्रथम पेंशन निर्गत और पारिवारिक पेंशन निर्धारण के नाम पर कर्मचारियों और शिक्षकों से खुलेआम रिश्वत वसूली की जा रही है।
सेवानिवृत्त शिक्षक से रिश्वत की मांग का आरोप
संगठन ने हाल ही में खेरागढ़ ब्लॉक के सेवानिवृत्त शिक्षक राजपाल सिंह का मामला उठाते हुए बताया कि उनसे प्रथम पेंशन जारी करने के एवज में रिश्वत मांगी गई। जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार किया तो उनकी पत्रावली से पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) ही गायब कर दिया गया।
जिलाध्यक्ष के खिलाफ दर्ज झूठी FIR रद्द करने की मांग
यूटा पदाधिकारियों ने ज्ञापन में यह भी कहा कि संगठन के जिलाध्यक्ष के.के. शर्मा के खिलाफ झूठे आरोपों में दर्ज कराई गई एफआईआर को तत्काल निरस्त किया जाए और कोषाधिकारी रीता सचान के भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शन में भारी संख्या में महिला शिक्षिकाएं शामिल
प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में महिला शिक्षिकाएं हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर मौजूद रहीं। इस अवसर पर नारायण हरी यादव (जिला उपाध्यक्ष), सुनील धनगर (जिला प्रवक्ता), सौरभ शर्मा, रामहरी गुर्जर, अनिल शर्मा, मुक्ता पुंडीर, नीना तोमर, अल्पना गौतम समेत सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।
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