आगरा। शहर में बड़ा जीएसटी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, जिसमें मै. जाधव ट्रेडर्स(जीएसटीएन-09APJPJ7342A1Z1) पर करोड़ों रुपये के फर्जी बिलिंग नेटवर्क के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी ) का बोगस क्लेम करने का आरोप सिद्ध हुआ है। यह खुलासा राज्य कर अधिकारी विवेक मित्तल (खंड-03, जयपुर हाउस, आगरा) की विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर हुआ है, जिसमें आर्थिक अपराध का सुनियोजित तंत्र सामने आया है।
जाधव ट्रेडर्स ने 4 दिसंबर 2024 को जीएसटी पंजीकरण कराया था। मालिक जाधव रणजीतभाई जसाभाई, निवासी सूरत (गुजरात) ने पता, मोबाइल, ईमेल और पीएनबी बैंक खाते का विवरण दिया था। कई अनियमितताओं के चलते 05 जुलाई 2025 को यह जीएसटीएन नियम 21(a) के तहत निरस्त कर दिया गया। जांच में सामने आया कि पंजीकरण और दस्तावेज़ों का अधिकांश हिस्सा संदिग्ध था।
बोगस फर्म से ₹20 करोड़ की ‘फर्जी खरीद’
जाधव ट्रेडर्स ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में नीलू एंटरप्राइज़(जीएसटीएन –09CHDPR6923F1Z3) से कुल ₹20,04,06,100 की इनवर्ड सप्लाई दिखाई, जबकि यह सप्लायर 23 जून 2025 को ही रद्द किया जा चुका था। इस गैर-मौजूद सप्लायर से बिलिंग दिखाकर फर्म ने कुल ₹3,60,73,098 का फर्जी आईटीसी क्लेम किया।
फर्जी आईटीसी पास करके बनाई आउटवर्ड सप्लाई
जाधव ट्रेडर्स ने अपनी आउटवर्ड सप्लाई काशवी एंटरप्राइज़(जीएसटीएन –09KZWPK0729M1ZB) को दिखाई। कुल बिक्री दिखाई गई : ₹20,02,93,602, कर देयता: ₹3,60,52,848.36। पूरी करदेयता फर्जी आईटीसी के माध्यम से समायोजित की गई, जो जीएसटी कानून का गंभीर उल्लंघन है।
गोपनीय रैकी में निकला फर्जीवाड़ा
05 जुलाई 2025 को राज्य कर विभाग ने फर्म के पते 98 फतेहपुर सीकरी रोड, जोगी पाड़ा, शाहगंज, आगरा पर गुप्त जांच की। जांच में परिणाम चौंकाने वाले थे। वहां फर्म मौजूद नहीं थी। स्थानीय लोगों ने भी ऐसी किसी फर्म को कभी नहीं देखा। पंजीकृत मोबाइल नंबर भी बंद मिला। इससे स्पष्ट हुआ कि फर्म सिर्फ कागजों में चल रही थी, जमीनी स्तर पर नहीं।
सरकार को 3.60 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार फर्म ने बिना वास्तविक माल खरीदे बोगस बिल तैयार किए। फर्जी इनवर्ड सप्लाई दिखाई और अवैध आईटीसी बनाकर राजस्व को ₹3,60,52,848.36 का नुकसान पहुँचाया। धारा 16(2)(c) के अनुसार बिना माल प्राप्त किए आईटीसी लेना गंभीर अपराध है।
एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
राज्य कर अधिकारी विवेक मित्तल की तहरीर पर फर्म मालिक जाधव रणजीतभाई जसाभाई के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज़, और कर अपहरण से जुड़ी कई धाराओं में मामला थाना लोहामंडी, आगरा में दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब बिलिंग नेटवर्क, फर्जी फर्मों के लिंक, बैंक खातों और पूरे आर्थिक सिंडिकेट की गहन जांच कर रही है।
सुनियोजित आर्थिक अपराध का बड़ा जाल
जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि यह सामान्य कर त्रुटि नहीं बल्कि फर्जी फर्मों, बोगस सप्लायरों, फर्जी खरीद-बिक्री और अवैध आईटीसी के सहारे किया गया सुनियोजित आर्थिक अपराध था, जिसकी वजह से राज्य को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

