आगरा। अटलपुरम हाउसिंग प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब आगरा विकास प्राधिकरण ने ग्रेटर आगरा आवासीय योजना को तेज़ी से आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। किसानों को मुआवजा वितरण के बाद प्राधिकरण ने अब जमीन पर भौतिक कब्जा लेने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

140 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा पूरा, 380 करोड़ का मुआवजा वितरित

ग्रेटर आगरा आवासीय योजना, मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत शामिल की गई है। यह योजना रायपुर-रहनकलां क्षेत्र में कुल 442 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जा रही है। अब तक किसानों की सहमति से 348 हेक्टेयर भूमि के सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा, वार्षिकी सहित कुल ₹380 करोड़  एसएलएओ कार्यालय, आगरा द्वारा वितरित किया जा चुका है।

7 और 8 नवंबर को दो चरणों में भूमि कब्जा प्रक्रिया पूरी

भूमि अधिग्रहण के बाद 07 नवंबर 2025 को प्राधिकरण की टीम ने किसानों की सहमति से 100 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा प्राप्त किया। इसके बाद 08 नवंबर 2025 को योजना की 45 मीटर चौड़ी रोड सहित टाउनशिप-3 एवं टाउनशिप-7 क्षेत्र की 40 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा लिया गया। इस प्रकार अब तक कुल 140 हेक्टेयर अर्जित भूमि प्राधिकरण के नियंत्रण में आ चुकी है।

योजना का लेआउट स्वीकृत, जल्द धरातल पर दिखेगा विकास

गौरतलब है कि इस योजना के ले-आउट एवं डिज़ाइन को 13 अक्टूबर को हुई प्राधिकरण की 150वीं बोर्ड बैठक में स्वीकृति मिल चुकी है। अब प्राधिकरण का ध्यान रोड नेटवर्क, प्लॉटिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों को धरातल पर उतारने पर है। अधिकारियों के अनुसार ग्रेटर आगरा परियोजना को “सस्टेनेबल और वेल-प्लान्ड टाउनशिप मॉडल” के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें आवास, हरित क्षेत्र और नागरिक सुविधाएं संतुलित रूप से सम्मिलित होंगी।

संयुक्त टीम की मौजूदगी में पूरी हुई कार्यवाही

भूमि कब्जा कार्यवाही के दौरान संयुक्त सचिव, एडीए की अध्यक्षता में प्राधिकरण की टीम, एसीपी के नेतृत्व में पुलिस बल और एसडीएम एत्मादपुर के साथ राजस्व विभाग की टीम मौके पर मौजूद रही। कार्यवाही शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई।

ग्रेटर आगरा: आधुनिक नगरी की दिशा में एक कदम

अधिकारियों का कहना है कि ग्रेटर आगरा योजना ताज नगरी को आधुनिक आवासीय और वाणिज्यिक विकास के नए दौर में प्रवेश कराएगी। यह परियोजना न केवल शहर के शहरी विस्तार का मॉडल बनेगी, बल्कि आगरा की आवासीय मांगों को भी दीर्घकालीन समाधान देगी।

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