आगरा: आगरा जिले के प्राचीन तीर्थ बटेश्वर धाम में कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली का पावन पर्व आज आस्था के अनुपम दर्शन करा रहा है। यमुना तट पर लाखों श्रद्धालु और सैकड़ों साधु-संतों ने शाही स्नान कर पुण्य कमाया। सुबह से ही घाटों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा, और पूरा क्षेत्र “बम-बम भोले” व “हर-हर महादेव” के जयघोष से गूंज उठा। यह दृश्य उत्तर भारत की आध्यात्मिक विरासत का जीवंत प्रमाण बन गया।
शाही स्नान और सप्तकोशी परिक्रमा: साधु-संतों का भव्य जुलूस
मंगलवार शाम से ही दूर-दराज के श्रद्धालु बटेश्वर पहुंचने लगे थे। विभिन्न अखाड़ों के नागा साधु, संत और महामंडलेश्वरों ने डेरे डाले। आज सुबह महामंडलेश्वरों के नेतृत्व में सप्तकोशी परिक्रमा पूरी की गई, जिसके बाद दूसरा शाही स्नान हुआ। यमुना के पवित्र जल में डुबकी लगाते साधु-संतों का जत्था देखते ही बनता था। तीर्थ नगरी के 101 प्राचीन शिवालयों में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और दीपदान का सिलसिला दिनभर चलता रहा।
लोक मेला: संस्कृति और परंपरा का रंगारंग मेला
धार्मिक अनुष्ठानों के साथ बटेश्वर का प्रसिद्ध लोक मेला भी पूरे शबाब पर है।
- झूले और खेल-तमाशे: बच्चों से लेकर बड़ों तक सब झूलों का आनंद ले रहे।
- पशु मेला: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की झलक, जहां ऊंट, घोड़े और पशुओं की खरीद-फरोख्त हो रही।
- लोक नृत्य और व्यंजन: राई, बुंदेली नृत्य और चाट-पकौड़ी, जलेबी, पेड़ा की दुकानें श्रद्धालुओं को लुभा रही हैं।
मेले में ग्रामीण संस्कृति की जीवंतता साफ झलक रही है, जो बटेश्वर को धार्मिक के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर भी बनाती है।
चाक-चौबंद सुरक्षा: ड्रोन, पुलिस और बचाव दल तैनात
प्रशासन ने किसी तरह की चूक न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं:
- पुलिस बल: घाटों और मेले में जगह-जगह तैनात।
- ड्रोन निगरानी: भीड़ पर पैनी नजर।
- बचाव दल: यमुना घाटों पर गोताखोर और लाइफ जैकेट्स के साथ तैयार।
- स्वास्थ्य सेवाएं: मोबाइल मेडिकल टीमें, एम्बुलेंस और राहत केंद्र सक्रिय।
जिलाधिकारी और एसएसपी ने स्वयं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।
बटेश्वर की महिमा: उत्तर भारत का प्रमुख तीर्थ
बटेश्वर धाम को उत्तर भारत का काशी कहा जाता है। यहां के 101 शिव मंदिर और यमुना का संगम इसे विशेष महत्व देते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है। इस वार्षिक स्नान पर्व ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बटेश्वर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का जीवंत केंद्र है।
शाम को दीपदान और महाआरती का कार्यक्रम होगा, जिसमें हजारों दीप यमुना तट को रोशन करेंगे। #बटेश्वर_महास्नान #कार्तिक_पूर्णिमा #देव_दीपावली #आस्था_का_संगम

