लखनऊ।  गूगल मैप की गलत और पुरानी जानकारी के कारण देशभर में सड़क हादसों में सैकड़ों लोगों की जान जाने का गंभीर मामला अब उत्तर प्रदेश विधानसभा में गूंजेगा। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया और सदन को अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

गूगल मैप पर क्यों उठ रहे सवाल?

विधायक उमाशंकर सिंह ने आरोप लगाया कि गूगल मैप समय पर सड़कों, पुलों और मार्गों से संबंधित जानकारी अपडेट नहीं करता, जिसके चलते चालक गलत रास्तों पर भटक जाते हैं। कई मामलों में निर्माणाधीन या क्षतिग्रस्त पुलों और मार्गों की जानकारी न होने के कारण वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में बरेली में गूगल मैप के गलत रास्ता दिखाने के कारण एक निर्माणाधीन पुल से गाड़ी नीचे गिर गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह अमरोहा में एक ट्रक चालक ने गूगल मैप के भरोसे रास्ता चुना, जिसके परिणामस्वरूप एक युवक की जान चली गई।

स्थानीय ऐप्स को बढ़ावा देने की मांग

बसपा विधायक ने सुझाव दिया कि गूगल मैप की जगह सरकार को ओला मैप्स या मैप माय इंडिया जैसे स्वदेशी नेविगेशन ऐप्स को बढ़ावा देना चाहिए। ये ऐप्स स्थानीय परिस्थितियों और सड़क नेटवर्क की बेहतर जानकारी प्रदान करते हैं और नियमित रूप से अपडेट किए जाते हैं। उन्होंने कहा, “गूगल मैप की लापरवाही के कारण लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए।”

पुलिस ने भी शुरू की पहल

इस बीच, लखनऊ पुलिस ने सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए गूगल मैप के साथ एक साझेदारी शुरू की है। इसके तहत शहर के उन क्षेत्रों को ‘ब्लैक स्पॉट्स’ के रूप में चिह्नित किया जाएगा, जहां हादसे ज्यादा होते हैं। गूगल मैप पर इन स्थानों की जानकारी अपडेट की जाएगी, ताकि चालकों को पहले से चेतावनी मिल सके। हालांकि, यह कदम गूगल मैप की मौजूदा खामियों को पूरी तरह दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा है।

आगे क्या?

विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा अगले सत्र में जारी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि गूगल मैप की खामियों को दूर करने के लिए कंपनी को स्थानीय प्रशासन और सड़क प्राधिकरणों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करना होगा। साथ ही, स्वदेशी नेविगेशन ऐप्स को तकनीकी और वित्तीय सहायता देकर उन्हें और सक्षम बनाने की जरूरत है।

सड़क सुरक्षा और नेविगेशन तकनीक के इस गंभीर मुद्दे पर जनता की राय भी बंटी हुई है। कई लोग गूगल मैप की सुविधा की तारीफ करते हैं, लेकिन इसकी खामियों से होने वाली दुर्घटनाओं ने इसे सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।

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