मुर्शिदाबाद, 8 दिसंबर 2025: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में 6 दिसंबर को एक ऐतिहासिक और विवादास्पद समारोह देखने को मिला। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की प्रतिकृति जैसी नई मस्जिद की आधारशिला रखी। यह घटना 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की 33वीं बरसी पर हुई, जिसने पूरे देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया। समारोह में उमड़ी भारी भीड़ ने नारेबाजी की, तो चंदे की रकम ने सबको हैरान कर दिया—11 पेटी नकदी, जिसे गिनने के लिए 30 लोग और नोट काउंटिंग मशीनें लगानी पड़ीं। अब तक 1.3 करोड़ रुपये गिने जा चुके हैं, जबकि कुल चंदा 3 करोड़ के पार पहुंच चुका है।
शिलान्यास का भव्य आयोजन: ट्रैक्टरों पर ईंटें, सऊदी मौलवियों का आगमन
समारोह की शुरुआत सुबह से ही जोर-शोर से हुई। मालदा समेत कई जिलों से ट्रैक्टरों पर ईंटों और निर्माण सामग्री लादकर समर्थक पहुंचे। हजारों की संख्या में लोग जुटे, जिनमें कई ने माथे पर ईंट रखकर ‘बाबरी मस्जिद जिंदाबाद’ के नारे लगाए। हुमायूं कबीर ने मंच से कहा, “2024 में मैंने घोषणा की थी कि बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का निर्माण होगा। आज, 6 दिसंबर को हम इसकी नींव रख रहे हैं। यह मस्जिद न सिर्फ धार्मिक स्थल होगी, बल्कि एकता का प्रतीक बनेगी।” विशेष रूप से सऊदी अरब से आए दो मौलवियों ने भी शिलान्यास में हिस्सा लिया, जो आयोजन को अंतरराष्ट्रीय आयाम दे रहा है।
हुमायूं कबीर ने बताया कि प्रस्तावित मस्जिद का बजट करीब 300 करोड़ रुपये है, जिसमें बाबरी मस्जिद की मूल डिजाइन की नकल की जाएगी। उन्होंने एक चौंकाने वाला खुलासा भी किया—एक गुमनाम मुस्लिम व्यापारी ने निर्माण के लिए 80 करोड़ रुपये दान देने का वादा किया है। इसके अलावा, ऑनलाइन चंदे से 93 लाख रुपये इकट्ठा हो चुके हैं। कबीर ने कहा, “यह चंदा लोगों की आस्था का प्रतीक है। हम पारदर्शी तरीके से इसका इस्तेमाल करेंगे।”
चंदे की गिनती में हंगामा: 11 पेटी नकदी, मशीनों का सहारा
शिलान्यास के दौरान चंदे की बौछार ऐसी हुई कि आयोजकों को 11 पेटियां भरनी पड़ीं। वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि कबीर के घर पर नोट गिनने का काम रात भर चला। इतनी बड़ी रकम गिनने के लिए 30 से ज्यादा वॉलंटियर्स लगाए गए, साथ ही नोट काउंटिंग मशीनें भी मंगवाई गईं। अब तक की गिनती में 1.3 करोड़ रुपये सामने आ चुके हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कुल चंदा 3 करोड़ के आसपास है। आसपास की जमीन पर भी 10 लाख रुपये का दान हो चुका है, जिसे निर्माण स्थल के विस्तार के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
सियासी विवाद: TMC का निलंबन, BJP का विरोध
यह आयोजन सियासत के मैदान में भी आग लगाने वाला साबित हुआ। TMC ने हुमायूं कबीर को पहले ही निलंबित कर दिया था, क्योंकि उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर यह कार्यक्रम घोषित किया था। वहीं, बीजेपी ने इसे ‘ध्रुवीकरण का प्रयास’ बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया। कांग्रेस नेताओं ने भी पोस्टरों पर कबीर का नाम देखकर आपत्ति जताई। कबीर ने बचाव में कहा, “यह धार्मिक आयोजन है, सियासत नहीं। हम सबकी एकता के लिए काम कर रहे हैं।”
आगे की राह: 300 करोड़ का सपना, क्या बनेगा हकीकत?
बेलडांगा की यह मस्जिद न सिर्फ स्थानीय मुस्लिम समुदाय की आस्था का केंद्र बनेगी, बल्कि पूरे देश में बाबरी विवाद की याद दिलाएगी। लेकिन सवाल यह है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग और मंजूरी कैसे मिलेगी? विशेषज्ञों का मानना है कि यह आयोजन धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन सियासी तनाव भी पैदा कर रहा है। हम आगे की अपडेट्स के लिए नजर रखे हुए हैं।

