आगरा: शहर के प्रमुख ऑटोमोबाइल पार्ट्स कारोबारी और नरैन कूलिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दीपेश गोयल के खिलाफ एक पूर्व सहयोगी द्वारा धमकी भरा मामला सामने आया है। आरोपी मानस कुमार मन्ना ने खुद को ‘रॉ (RAW) एजेंट’ बताकर 10 लाख रुपये की जबरन वसूली की मांग की और झूठे मुकदमों में फंसाने तथा व्यापार को तबाह करने की धमकी दी। इस घटना ने स्थानीय व्यापारिक समुदाय में हड़कंप मचा दिया है।

घटना का विवरण: विश्वासघात से धमकी तक

दीपेश गोयल ने बताया कि उन्होंने मानस कुमार मन्ना को अपनी कंपनी में एडवाइजर और बिजनेस कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त किया था। मानस ने खुद को ‘वी.पी. कॉरपोरेट अफेयर्स’ का पदनाम देकर ईमेल और फोन के माध्यम से ग्राहकों व सप्लायर्स से सीधा संपर्क स्थापित किया। इस दौरान उसे कंपनी के संवेदनशील व्यापारिक डेटा – जैसे ग्राहक सूचियां, सप्लाई चेन विवरण और वित्तीय जानकारी – तक पूर्ण पहुंच प्राप्त हो गई।

कुछ महीनों बाद मानस ने अचानक ऑफिस आना बंद कर दिया। जांच में गोयल को पता चला कि मानस ने महत्वपूर्ण डेटा चोरी कर लिया था और उसे प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को बेचने या साझा करने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद गोयल ने तत्काल मानस को नौकरी से बर्खास्त कर दिया और उसके सभी कॉर्पोरेट ईमेल, मोबाइल सुविधाएं तथा सिस्टम एक्सेस बंद करा दिए।

धमकियों का सिलसिला

बर्खास्तगी के बाद मानस ने व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए गोयल को लगातार धमकियां देनी शुरू कर दीं। गोयल के अनुसार, मानस ने खुद को ‘रॉ एजेंट’ बताते हुए कहा कि उसके पास गोपनीय जानकारी है और वह गोयल के व्यापार को चौपट कर सकता है। उसने 10 लाख रुपये की ‘चौथ’ (संरक्षण राशि) की मांग की, अन्यथा झूठे मुकदमे दर्ज कराने, परिवार को निशाना बनाने तथा गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।

गोयल ने बताया, “मानस की धमकियां इतनी सतत और भयावह थीं कि मेरा पूरा परिवार तनावग्रस्त हो गया। हम रातों को सो नहीं पा रहे थे। वह न केवल व्यापारिक नुकसान की बात करता था, बल्कि व्यक्तिगत सुरक्षा पर भी सवाल उठा रहा था।” गोयल कल्याण डिफ़्टेक एलएलपी के साझेदार भी हैं, और यह घटना उनके दोनों उद्यमों को प्रभावित कर रही है।

पुलिस कार्रवाई: न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज

लगातार धमकियों से परेशान होकर गोयल ने न्यू आगरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आईपीसी की गंभीर धाराओं – जैसे धारा 384 (जबरन वसूली), 506 (आपराधिक धमकी), 420 (धोखाधड़ी) और आईटी एक्ट की प्रासंगिक धाराओं – के तहत मामला दर्ज किया है।

न्यू आगरा थाने के एसएचओ ने बताया, “हम सभी डिजिटल साक्ष्य – जैसे व्हाट्सएप चैट, ईमेल रिकॉर्ड और कॉल डिटेल्स – एकत्र कर रहे हैं। आरोपी की लोकेशन ट्रैक करने के लिए तकनीकी टीम सक्रिय है। आरोप सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जा रही है।”

व्यापारिक जगत में चिंता

यह मामला आगरा के ऑटोमोबाइल सेक्टर में सतर्कता की घंटी बजा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल युग में संवेदनशील डेटा की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। गोयल ने अन्य व्यापारियों से अपील की है कि वे अपने कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच को मजबूत करें और साइबर सिक्योरिटी उपाय अपनाएं।

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