आगरा: जिले के बाह के पुरा जसोल गांव में 22 अगस्त की रात रसोई गैस सिलिंडर से गैस रिसाव के दौरान आग लग गई थी। हादसे में 14 लोग झुलस गए थे। इनमें शनिवार को तीन लोगों की मौत हो गई। झुलसे 5 लोग पहले ही दम तोड़ चुके हैं। हादसे में अब तक 8 की जान जा चुकी है। दो लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।

रसोई गैस सिलिंडर से गैस रिसाव रोकने के दौरान लगी आग में घिरकर झुलसे जितेंद्र (44) की 24 अगस्त को मौत हुई थी। 27 अगस्त को उनकी चाची केशर देवी (62), चचेरे भाई शिक्षामित्र देवेंद्र प्रकाश (43) की मौत हो गई थी। 28 अगस्त को जितेंद्र के पिता रिटायर्ड शिक्षक भागीरथ (65), बेटी कुमकुम (17) ने दम तोड़ दिया था।

शनिवार को जितेंद्र की बहन प्रीती (32), चचेरे भाई सुरेंद्र (40), आनंद प्रकाश (39) की भी जान चली गई। सात दिन में 8 मौतों से पुरा जसोल गांव मातम में डूब गया है। पुरा जसोल गांव में 22 अगस्त को हुए हादसे में 14 लोग झुलसे थे। शनिवार को मृत जितेंद्र की बहन प्रीती, चचेरे भाई सुरेंद्र, आनंद प्रकाश के शव घर पर पहुंचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया।  शव देख कर परिजन बेसुध हो गए। वहीं, अस्पताल में भर्ती उमाशंकर और उनकी पत्नी चंद्रावती की भी हालत नाजुक बताई जा रही है।

पुत्रविहीन हुई महादेवी की आंखें पथराईं 

सिलिंडर हादसे में झुलसे दोनों बेटे शिक्षामित्र देवेंद्र प्रकाश, बिजली मिस्त्री आनंद प्रकाश को तीन दिन में मौत ने परिवार से छीन लिया है। परिवार पर टूटे दुख के पहाड़ से दोनों बेटों की मौत से पुत्रविहीन हुई महादेवी की आंखें पथरा गई हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने बेटे काहे छीने, मोइ उठाइ लेतो, परिवार कैसे चलेगा? बच्चे कैसे पलेंगे? विधवा हुई पुत्रवधू ममता, नीरज का क्या होगा? देवेंद्र प्रकाश की मौत से विधवा हुई ममता के सामने बच्चों अखंड प्रकाश, आकाश प्रकाश, बेटी दीक्षा की परिवरिश की पहाड़ सी चुनौती है।

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