आगरा। किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उर्वरक नहीं मिल पाने और उसकी कालाबाजारी व ओवररेट के खिलाफ किसान लगातार आक्रोशित हैं। इसी को लेकर किसान सेना ने आज किरावली के मौनी बाबा आश्रम में बड़ी बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता सांथा के मनोज सिसोदिया ने की।

बैठक में गढ़िमा के प्रधान घनश्याम सिंह ने कहा कि किसानों को डीएपी नहीं मिलने के लिए जनप्रतिनिधि और प्रशासन जिम्मेदार हैं। मांगरोल के प्रधान जगवीर सिंह ने कहा कि किसानों के साथ सरेआम बेईमानी हो रही है। बाजरा मंडी में बाजरे का विक्रय मूल्य सरकारी दर 2800 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद किसानों को केवल 2000 रुपये में मिल रहा है।

जहानपुर के प्रधान तालेवार और किसान नेता भीमसेन ने कहा कि किसान लगातार लूट का शिकार हो रहे हैं और इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सांथा के प्रधान सियाराम ने प्रशासन और व्यापारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया।

किसान सेना के प्रमुख मुकेश डागुर ने बताया कि किसानों को 1350 रुपये प्रति क्विंटल में मिलने वाला डीएपी 1800 रुपये में बेचा जा रहा है। वहीं, किसान का बाजरा मंडी में 2800 रुपये प्रति क्विंटल का बिकना अपेक्षित है, लेकिन केवल 2000 रुपये में बिक रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन जानबूझकर बाजरा मंडी की लेवी नहीं खोल रहा ताकि किसान मजबूरी में दलालों को बेच दें, जो बाद में सरकारी दर पर बेचकर लाभ उठाते हैं।

किसान सेना ने इस बैठक में यह संकल्प लिया कि 3 अक्टूबर को बड़ी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे और डीएम का घेराव करेंगे, ताकि डीएपी की कालाबाजारी रोकी जा सके और बाजरा लेवी खुलवाया जा सके।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से नेत्रपाल चाहर, पवन शर्मा, देवेंद्र शर्मा, चंदन सिंह चाहर, भूपेंद्र नेता जी, रंधीर चाहर, दिलीप चाहर, रामवीर पहलवान, प्रमोद चाहर, लाला इन्दौलिया, योगेश इन्दौलिया, उपेन्द्र फोजी, दरोगा जी, धर्मेंद्र सिंह, हिम्मत सिंह, बच्चू सिंह, शिवसिंह, कृष्णा, कर्मवीर, विक्रम, अंकित, सचिन, ओमवीर सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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