हनुमानगढ़/राजस्थान | राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया। भारी बवाल के बीच प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री स्थल की दीवारें तोड़ दीं और 14 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कई पुलिसकर्मी और एक कांग्रेस विधायक घायल हो गए। तनाव को देखते हुए प्रशासन ने पूरे इलाके में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं, जबकि स्कूल-कॉलेजों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश जारी किया गया है।
घटना का पूरा ब्योरा
सुबह करीब 10 बजे हनुमानगढ़ के नरवाल गांव में सैकड़ों किसान इकट्ठा हुए थे। उनका मुख्य मुद्दा एथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण से जुड़ा था, जो स्थानीय स्तर पर जल स्रोतों को प्रदूषित करने और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचाने का खतरा पैदा कर रही है। किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री के लिए बिना पर्यावरणीय मंजूरी के काम शुरू कर दिया गया है, जिससे भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है।
प्रदर्शन शुरू में शांत था, लेकिन जब पुलिस ने साइट पर पहुंचकर किसानों को हटाने का प्रयास किया, तो हालात बेकाबू हो गए। आंखों देखी घटनाओं के अनुसार, उग्र भीड़ ने फैक्ट्री की बाउंड्री वॉल को तोड़ दिया और निर्माणाधीन साइट पर मौजूद 14 वाहनों – जिनमें ट्रक, जेसीबी और अन्य मशीनरी शामिल हैं – को आग लगा दी। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पथराव जारी रखा।
पुलिस ने हालात संभालने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज का सहारा लिया। इस दौरान कम से कम 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि स्थानीय कांग्रेस विधायक रामस्वरूप कस्वां – जो प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे थे – को भी चोटें आईं। कस्वां ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “किसानों की आवाज दबाई नहीं जा सकती। यह पर्यावरण और आजीविका का सवाल है। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
हनुमानगढ़ के जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से नरवाल और आसपास के 5 किलोमीटर क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं (मोबाइल डेटा और ब्रॉडबैंड) 48 घंटों के लिए बंद करने का ऐलान किया। इसका उद्देश्य अफवाहों को फैलने से रोकना बताया गया। साथ ही, स्थानीय स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों को शुक्रवार तक बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है, और जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 144 लागू कर दी है। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि फैक्ट्री का निर्माण रुका नहीं, तो आंदोलन पूरे जिले में फैल जाएगा।
किसानों की मांगें और पृष्ठभूमि
यह विवाद पिछले तीन महीनों से चल रहा है। किसान संगठन ‘राजस्थान किसान महासंघ’ का दावा है कि एथेनॉल फैक्ट्री के लिए 200 एकड़ उपजाऊ भूमि अधिग्रहित की जा रही है, जो स्थानीय फसलों – जैसे सरसों और गेहूं – को प्रभावित करेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, एथेनॉल उत्पादन से निकलने वाले अपशिष्ट जल स्रोतों को जहरीला बना सकते हैं, जिससे पहले ही सूखे की चपेट में हनुमानगढ़ का जल संकट और गहरा सकता है।
महासंघ के अध्यक्ष हरि सिंह ने कहा, “हम शांतिपूर्ण विरोध चाहते थे, लेकिन प्रशासन की उदासीनता ने हमें मजबूर किया। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन राजस्थान भर में फैलेगा।” दूसरी ओर, फैक्ट्री के प्रमोटर कंपनी ने सफाई दी है कि सभी मंजूरियां प्राप्त हैं और स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
प्रभाव और आगे की संभावनाएं
इस घटना से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भी हलचल मच गई है। विपक्षी दल इसे “किसान-विरोधी नीति” बता रहे हैं, जबकि सत्ताधारी भाजपा ने “कानून-व्यवस्था बनाए रखने” पर जोर दिया है। मानवाधिकार संगठनों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
अधिकारीय सूत्रों के अनुसार, शनिवार को जिला स्तर पर वार्ता का प्रयास किया जाएगा। तब तक, हनुमानगढ़ में तनाव बना हुआ है। न्यूज24 की टीम घटनास्थल से लगातार अपडेट लाती रहेगी।

