एटा: जिले के मिरहची क्षेत्र के गांव ख्वाजगीपुर स्थित सरस्वती ज्ञान मंदिर विद्यालय में हनुमान चालीसा के पाठ पर रोक और देवी-देवताओं की तस्वीरें हटाए जाने की घटना ने तूल पकड़ लिया। इस मामले ने स्थानीय समुदाय में तनाव पैदा कर दिया, जिसके बाद बच्चों के परिजनों और स्थानीय संगठनों ने विद्यालय में हंगामा किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।

  • तस्वीरें हटाने का मामला: विद्यालय के कार्यालय में लगी देवी-देवताओं की तस्वीरें हटा दी गईं और उनकी जगह भगवान गौतम बुद्ध की तस्वीर लगाई गई।

  • हनुमान चालीसा पर रोक: सुबह की प्रार्थना में रोजाना होने वाले हनुमान चालीसा के पाठ पर विद्यालय प्रबंधन ने रोक लगा दी।

  • शिक्षक का विवादित कृत्य: परिजनों का आरोप है कि एक शिक्षक ने हनुमान जी की तस्वीर को हाथ लगाकर अपमान किया, जिसे बच्चों ने गलत समझा।

परिजनों और संगठनों की प्रतिक्रिया

  • बुधवार को परिजनों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पदाधिकारी, और जिला पंचायत सदस्य बंटी राजपूत विद्यालय पहुंचे।

  • परिजनों ने तस्वीरें हटाने और हनुमान चालीसा पर रोक को धार्मिक भावनाओं का अपमान बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

पुलिस और प्रशासन का हस्तक्षेप

  • सूचना मिलने पर एएसपी क्राइम योगेंद्र सिंह, सीओ सदर संजय सिंह, और मिरहची थाना प्रभारी कपिल कुमार नैन पुलिस बल के साथ विद्यालय पहुंचे।

  • पुलिस ने परिजनों और प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए मध्यस्थता की।

  • विद्यालय प्रबंधन को देवी-देवताओं की तस्वीरें पुनः लगाने और हनुमान चालीसा के पाठ को जारी रखने का आश्वासन देना पड़ा।

विद्यालय प्रबंधन की सफाई

  • प्रधानाचार्य रामनरेश शाक्य ने बताया कि विज्ञान के एक शिक्षक ने सजीव और निर्जीव वस्तुओं का अंतर समझाने के लिए हनुमान जी की तस्वीर को उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने तस्वीर को हाथ लगाकर कहा कि इसमें कोई हलचल नहीं है, जिसे बच्चों ने गलत समझा।

  • हनुमान चालीसा के पाठ को बंद करने का निर्णय विद्यालय की समिति का था।

  • प्रबंधन और प्रधानाचार्य ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, जिसके बाद मामला शांत हुआ।

 

  • रिपोर्ट – सुनील गुप्ता
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