आगरा: जिले में यमुना नदी में आई बाढ़ ने शहर के ऐतिहासिक स्मारकों और स्थानीय क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया है, जिससे संरक्षित स्मारकों को क्षति की आशंका बढ़ गई है।
प्रभावित स्मारक और क्षेत्र
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महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट: मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को यमुना का पानी इन दोनों स्थानों में घुस गया, जिसके कारण पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया। महताब बाग का रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और ताज व्यू प्वाइंट का संचालन आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) करता है।
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महताब बाग: सुबह 6 से शाम 6 बजे तक खुलने वाला यह स्मारक ताजमहल के सामने यमुना के दूसरी ओर स्थित है। भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट 20 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रुपये है। शुक्रवार को ताजमहल बंद होने के कारण यहां पर्यटकों की भीड़ बढ़ती थी।
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ताज व्यू प्वाइंट: ताजमहल का खूबसूरत नजारा दिखाने वाला यह स्थल भी डूब गया है। टिकट मूल्य भारतीयों के लिए 50 रुपये और विदेशियों के लिए 200 रुपये है।
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एत्माउद्दौला स्मारक: यमुना की ओर बने इसके 12 कमरे पानी में डूब गए हैं।
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आगरा किला: किले की खाई में चार फीट तक पानी भर गया है, जो मंटोला नाले के उल्टा बहने के कारण यमुना का पानी किले में प्रवेश कर रहा है।
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ताजमहल: ताजमहल का पिछला हिस्सा, जिसमें गार्डन और खान-ए-आलम नर्सरी शामिल हैं, पूरी तरह जलमग्न हो गया है। पश्चिमी गेट की पार्किंग का रास्ता भी डूब गया है।
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दहशरा घाट: यह घाट पूरी तरह पानी में डूब गया है, और पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
स्मारकों की स्थिति
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एएसआई का बयान: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों का कहना है कि ताजमहल का डिज़ाइन बाढ़ का सामना करने के लिए बनाया गया है, इसलिए मुख्य मकबरे को कोई खतरा नहीं है। हालांकि, बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए यमुना का जलस्तर कम होने का इंतजार किया जा रहा है।
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जोहरा बाग का इतिहास: वर्ष 2023 में यमुना की बाढ़ और भारी बारिश के कारण जोहरा बाग की एक मंजिल ढह गई थी। रखरखाव में लापरवाही के कारण यह संरक्षित स्मारक खंडहर में बदल गया था।
पर्यटन पर प्रभाव
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पर्यटकों की संख्या में कमी: बाढ़ के कारण ताजमहल और अन्य स्मारकों में पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।
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आर्थिक नुकसान: महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट के बंद होने से एएसआई और एडीए को टिकट बिक्री से होने वाली आय में नुकसान हो रहा है।
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यातायात समस्याएँ: यमुना किनारा रोड और स्ट्रेची ब्रिज के नीचे चार फीट तक जलभराव होने से यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ एक्सप्रेस-वे से आने वाले पर्यटकों को ताजमहल और आगरा किला पहुंचने में कठिनाई हो रही है। वाहन पानी में डूब रहे हैं।
स्थानीय क्षेत्रों पर प्रभाव
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जलमग्न कॉलोनियाँ: आगरा शहर की 100 से अधिक कॉलोनियाँ बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। हजारों लोग राहत शिविरों या परिचितों के घरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
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कृषि क्षति: एटमदपुर और फतेहाबाद तहसील के गांवों में लगभग 300 बीघा फसलें, जैसे तिल और सब्जियाँ, पूरी तरह डूब गई हैं। प्रभावित गाँवों में रहनकला, गदपुरा, शिशिया, सुरेरा, पोइया, गिजोली, रायपुर, रिहावली, सिलावली, धरापुरा, इधौन, मदैना, और वाजीपुरा शामिल हैं।
मोक्षधाम और अंतिम संस्कार पर प्रभाव
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मोक्षधाम जलमग्न: पोइया घाट और ताजगंज मोक्षधाम में पांच फीट तक पानी भर गया है, जिसके कारण चिता स्थल डूब गए हैं। विद्युत शवदाह गृह बंद हैं, और सूखी लकड़ी की उपलब्धता भी प्रभावित हुई है।
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सड़क किनारे अंतिम संस्कार: पानी के कारण लोग सड़कों और खेतों में अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं। उदाहरण के लिए, हीराबाग के एक परिवार को सड़क किनारे चिता सजाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा। ताजगंज मोक्षधाम में रोजाना 20-25 शवों का अंतिम संस्कार होता था, लेकिन अब केवल 1-2 शव ही पहुंच रहे हैं।
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प्रभावित क्षेत्र: खासपुर, जगनपुर, सिकंदरपुर, दयालबाग, और स्वामीबाग सहित 50 से अधिक गाँव और कॉलोनियाँ प्रभावित हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई
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निगरानी और राहत: जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है। राहत शिविरों में प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है।
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चेतावनी और निकासी: 40 गाँवों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
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स्वास्थ्य उपाय: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों में मच्छर जनित रोगों को रोकने के लिए कीटनाशक छिड़काव किया जा रहा है।
निष्कर्ष
यमुना की बाढ़ ने आगरा के ऐतिहासिक स्मारकों, पर्यटन उद्योग, और स्थानीय समुदायों पर गहरा प्रभाव डाला है। ताजमहल जैसे स्मारकों की संरचना भले ही बाढ़ का सामना करने में सक्षम हो, लेकिन महताब बाग, एत्माउद्दौला, और आगरा किले जैसे अन्य स्मारकों को नुकसान का खतरा बना हुआ है। मोक्षधामों के जलमग्न होने से अंतिम संस्कार जैसे आवश्यक कार्य भी प्रभावित हुए हैं। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और राहत प्रयासों से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बाढ़ का जलस्तर कम होने तक नुकसान का पूरा आकलन संभव नहीं है।