नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में कप्तानी हमेशा से एक सम्मानजनक और दबाव भरा पद रहा है। पिछले 25 वर्षों में कई दिग्गजों ने इस जिम्मेदारी को निभाया, लेकिन कुछ को विवादों, फॉर्म, प्रबंधन के फैसलों या अन्य कारणों से कप्तानी गंवानी पड़ी। यहाँ उन 10 भारतीय कप्तानों की कहानियाँ हैं, जिनसे किसी न किसी वजह से कप्तानी छीन ली गई।
1. सौरव गांगुली: ‘दादा’ का ताज छिना, फिर भी बने दिलों के बादशाह
सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को आक्रामकता और आत्मविश्वास दिया, लेकिन 2005 में कोच ग्रेग चैपल के साथ मतभेद और खराब फॉर्म के कारण उनकी कप्तानी छिन गई। बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ को नया कप्तान बनाया। गांगुली ने 195 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की, जिसमें भारत ने 97 जीते, 78 हारे, 15 ड्रॉ और 5 टाई रहे। बाद में उन्होंने बल्ले से शानदार वापसी की, लेकिन कप्तानी का दौर खत्म हो चुका था।
2. महेंद्र सिंह धोनी: चैंपियन का शांत अंत
तीन आईसीसी खिताब (2007 टी20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी) जीतने वाले धोनी ने 2014 में टेस्ट और 2017 में सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी। इसे स्वैच्छिक बताया गया, लेकिन चयन समिति की नई सोच और युवा नेतृत्व की तलाश ने इसे प्रभावित किया। धोनी ने 332 मैचों में कप्तानी की, जिसमें 178 जीत, 120 हार, 6 टाई, 15 ड्रॉ और 13 बेनतीजा रहे।
3. विराट कोहली: ‘किंग’ का ताज विवादों में गया
विराट कोहली ने टेस्ट और वनडे में शानदार कप्तानी की, लेकिन 2021 टी20 विश्व कप के बाद उन्होंने टी20 कप्तानी छोड़ी। जल्द ही बीसीसीआई ने उनसे वनडे कप्तानी भी छीनकर रोहित शर्मा को सौंप दी। कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीच बयानबाजी चर्चा में रही। 2022 में कोहली ने टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी। उनके नेतृत्व में भारत ने 213 मैचों में 135 जीत, 60 हार, 3 टाई, 11 ड्रॉ और 4 बेनतीजा रहे।
4. अजिंक्य रहाणे: ऐतिहासिक जीत, फिर भी स्थायी कप्तानी नहीं
2020-21 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रहाणे ने भारत को ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत दिलाई, लेकिन उन्हें नियमित कप्तान नहीं बनाया गया। 2022 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर केएल राहुल को कप्तानी दी गई, और कोहली के बाद रोहित कप्तान बने। रहाणे धीरे-धीरे टीम से बाहर हो गए। उन्होंने 11 मैचों में 8 जीत, 1 हार और 2 ड्रॉ के साथ कप्तानी की।
5. शिखर धवन: अस्थायी कप्तान, फिर भुला दिया गया
कोरोना काल में धवन को श्रीलंका और वेस्टइंडीज जैसे दौरों पर कप्तानी मिली, लेकिन रोहित और कोहली की वापसी के बाद उन्हें मौका नहीं मिला। बाद में उन्हें टीम से भी बाहर कर दिया गया। धवन ने 15 मैचों में 8 जीत, 5 हार और 2 बेनतीजा परिणाम हासिल किए।
6. केएल राहुल: भरोसेमंद से बेदखल तक
केएल राहुल को 2022-23 में कई बार कप्तानी सौंपी गई, लेकिन फॉर्म और स्ट्राइक रेट की आलोचना ने उन्हें पीछे धकेल दिया। हार्दिक पांड्या और शुभमन गिल को प्राथमिकता मिली। राहुल ने 16 मैचों में 11 जीत और 5 हार के साथ कप्तानी की।
7. ऋषभ पंत: हादसे ने रोकी कप्तानी की राह
ऋषभ पंत को भविष्य का कप्तान माना जा रहा था, लेकिन 2022 के कार हादसे ने उनकी राह रोक दी। कुछ सीरीज में कप्तानी के बाद वे लंबे समय तक बाहर रहे। वर्तमान में शुभमन गिल की कप्तानी में वे उपकप्तान हैं, लेकिन स्थायी कप्तानी मुश्किल लगती है। पंत ने 5 मैचों में 2 जीत, 2 हार और 1 बेनतीजा परिणाम हासिल किया।
8. हार्दिक पांड्या: आईपीएल की चमक फीकी पड़ी
हार्दिक ने गुजरात टाइटंस को 2022 में आईपीएल खिताब जिताया और टी20 कप्तान बने। लेकिन 2024 में रोहित की वापसी और टी20 विश्व कप जीत के बाद, नए कोच गौतम गंभीर के कार्यकाल में उनकी चोटों और रवैये के कारण कप्तानी छिन गई। हार्दिक ने 19 मैचों में 12 जीत, 6 हार और 1 टाई के साथ कप्तानी की।
9. जसप्रीत बुमराह: आपातकालीन कप्तान, स्थायी मौका नहीं
2022 में इंग्लैंड दौरे पर और 2024 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह को टेस्ट कप्तानी मिली। उन्होंने एक टेस्ट जीता, लेकिन तेज गेंदबाज की फिटनेस और वर्कलोड के कारण बीसीसीआई ने शुभमन गिल को प्राथमिकता दी। बुमराह ने 5 मैचों में 3 जीत और 2 हार हासिल की।
10. रोहित शर्मा: हिटमैन का अपमानजनक अंत
रोहित ने 2023 वनडे विश्व कप फाइनल, 2024 टी20 विश्व कप और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीती, लेकिन बोर्ड के दबाव में 2025 में टेस्ट से संन्यास लिया और वनडे कप्तानी छिन गई। कोहली जैसे ही उन्हें अपमानजनक तरीके से हटाया गया। रोहित ने 142 मैचों में 103 जीत, 33 हार, 3 ड्रॉ और 1 बेनतीजा परिणाम हासिल किया।
बोनस: राहुल द्रविड़ का इस्तीफा
राहुल द्रविड़ ने 2005-07 तक कप्तानी की, लेकिन 2007 वनडे विश्व कप में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद बोर्ड और चयनकर्ताओं के दबाव में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद धोनी को कप्तान बनाया गया। द्रविड़ ने 104 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की, जिसमें 50 जीत, 39 हार, 2 टाई, 11 ड्रॉ और 2 बेनतीजा रहे।