आगरा: आगरा के स्वास्थ्य विभाग में अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब के लाइसेंस रिकॉर्ड गायब होने से हड़कंप मच गया है। इस तकनीकी खामी के बाद विभाग ने करीब 250 चिकित्सकीय संस्थानों के संचालकों को फोन पर संदेश भेजकर लाइसेंस नवीनीकरण के लिए नए सिरे से आवेदन करने को कहा है। इस बार लाइसेंस पांच साल की वैधता के साथ जारी किए जाएंगे, और प्रक्रिया में प्रमाण पत्रों की जांच के साथ-साथ संस्थानों का भौतिक सत्यापन भी होगा।
रिकॉर्ड गायब होने की घटना
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले सप्ताह पोर्टल से 750 संस्थानों का लाइसेंस रिकॉर्ड गायब हो गया था। तकनीकी टीम ने अधिकांश डेटा रिकवर कर लिया, लेकिन 250 अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब, और डायग्नोस्टिक सेंटरों का रिकॉर्ड अभी भी उपलब्ध नहीं है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि रिकवर किए गए रिकॉर्ड को पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, जबकि शेष 250 संस्थानों के संचालकों को नए सिरे से आवेदन करने के लिए सूचित किया गया है।
लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया
- आवेदन: संचालकों को ऑनलाइन पोर्टल (जैसे crsorgi.gov.in या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग पोर्टल) पर नए सिरे से आवेदन करना होगा। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे:
- क्लिनिकल एस्टाब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
- बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट प्रमाण पत्र
- NABL/NABH मान्यता (पैथोलॉजी लैब के लिए, यदि लागू हो)
- संस्थान का पता, संचालक का पहचान पत्र, और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज
- सत्यापन: आवेदन के बाद स्वास्थ्य विभाग प्रमाण पत्रों की जांच करेगा और संस्थान का भौतिक सत्यापन करेगा।
- लाइसेंस जारी: सत्यापन के बाद पांच साल की वैधता के साथ लाइसेंस जारी किया जाएगा।
प्रक्रिया में देरी और प्रभाव
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, आगरा में पिछले साल 1317 चिकित्सकीय संस्थान पंजीकृत थे, जिनमें:
- 492 क्लीनिक
- 487 अस्पताल
- 150 पैथोलॉजी लैब
- 103 डायग्नोस्टिक सेंटर
- 85 डेंटल क्लीनिक
इनका लाइसेंस नवीनीकरण मई 2025 तक पूरा होना था, लेकिन रिकॉर्ड गायब होने और तकनीकी समस्याओं के कारण प्रक्रिया दो महीने पीछे चल रही है। इस देरी के कारण गैर-मानक अस्पतालों और लैब की छंटनी नहीं हो पा रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
सीएमओ का बयान
डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा, “हमने अधिकांश रिकॉर्ड रिकवर कर लिया है और उसे पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। शेष 250 संस्थानों के संचालकों को नए आवेदन के लिए सूचित किया गया है। हम जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर गैर-मानक संस्थानों पर कार्रवाई करेंगे।”
आवेदन कैसे करें?
- ऑनलाइन पोर्टल: संचालक crsorgi.gov.in या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर लॉगिन करें। यदि नया पंजीकरण है, तो “New Registration” पर क्लिक करें।
- दस्तावेज अपलोड: संस्थान का विवरण, बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन प्रमाण पत्र, और अन्य लाइसेंस अपलोड करें।
- सत्यापन: आवेदन जमा करने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सत्यापन करेंगे।
- लाइसेंस प्राप्ति: सत्यापन के बाद डिजिटल लाइसेंस डाउनलोड करें।
महत्वपूर्ण बिंदु
- पांच साल की वैधता: नए नियमों के तहत लाइसेंस अब पांच साल के लिए जारी होंगे।
- गैर-मानक संस्थानों पर कार्रवाई: बिना लाइसेंस या मानक पूरे न करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
- संपर्क: अधिक जानकारी के लिए आगरा स्वास्थ्य विभाग कार्यालय या सीएमओ कार्यालय (0562-222888) से संपर्क करें।
संपादकीय टिप्पणी
स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही चिंताजनक है, क्योंकि रिकॉर्ड गायब होने से न केवल प्रक्रिया में देरी हुई, बल्कि गैर-मानक संस्थानों को चलने का मौका मिल रहा है। इस घटना ने डिजिटल सिस्टम की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं। नागरिकों और संचालकों को सलाह है कि वे समय पर आवेदन करें और अपने दस्तावेज सुरक्षित रखें।