आगरा: कमिश्नरेट आगरा की जगदीशपुरा पुलिस ने एक बार फिर अपराधियों को करारा जवाब दिया है। सेंट्रल पार्क क्षेत्र में 10 नवंबर की शाम हुई सनसनीखेज चैन छिनैती की वारदात को मात्र 6 दिनों में पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन शातिर बदमाशों को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपी दिल्ली और एनसीआर के मोस्ट वांटेड चैन-स्नैचर निकले, जिन पर 57, 31 और 5 मुकदमे दर्ज हैं।
10 नवंबर शाम की वारदात
पीड़ित व्यक्ति 10 नवंबर 2025 की शाम करीब 6:30 बजे अपने दैनिक काम से लौट रहे थे। सेंट्रल पार्क के पास अचानक तेज रफ्तार स्पोर्ट्स बाइक पर सवार दो युवकों ने उनकी गर्दन से 15-20 ग्राम सोने की चैन झपट ली और सेकंडों में गायब हो गए। डर के मारे पीड़ित कुछ कर भी नहीं पाए। तुरंत जगदीशपुरा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।
सीसीटीवी + सर्विलांस + एसओजी का कमाल
पुलिस कप्तान के निर्देश पर तुरंत संयुक्त टीम गठित की गई।
- घटनास्थल और आसपास के 50+ सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए
- स्पोर्ट्स बाइक की नंबर प्लेट ट्रेस की गई
- टेक्निकल सर्विलांस से आरोपियों की लोकेशन पकड़ी गई
- एसओजी और थाना टीम ने लगातार 5 दिनों तक रेड की
नतीजा – तीनों शातिर बदमाश 16 नवंबर की रात दबोच लिए गए।
गिरफ्तार बदमाश और इनका क्राइम रिकॉर्ड
- हनी उर्फ अरप्रीत सिंह (दिल्ली) → 57 मुकदमे (चैन स्नैचिंग, लूट, मारपीट)
- इकबाल कुरैशी (दिल्ली) → 31 मुकदमे
- साहिब उर्फ प्रभजोत सिंह (दिल्ली) → 5 मुकदमे
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये तीनों 9 नवंबर को दिल्ली से आगरा आए थे। अगले दिन पूरी रेकी की और 10 नवंबर को वारदात की। छीनी गई चैन को तुरंत दिल्ली ले जाकर ₹75,000 में बेच दिया।
चोरी की बाइक, बरामद नकद और आगे की कार्रवाई
- वारदात में इस्तेमाल स्पोर्ट्स बाइक दिल्ली के बुराड़ी से चोरी की निकली
- पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ₹60,300 नकद बरामद किए
- बाइक का पूरा डिटेल दिल्ली पुलिस को भेज दिया गया है
पुलिस का कहना है कि ये गैंग दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में सक्रिय था। तीनों कई राज्यों की पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में थे।
पुलिस टीम को मिली तारीफ
इस सफलता में जगदीशपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार, उप-निरीक्षक अभिषेक तिवारी, उप-निरीक्षक सोहनपाल सिंह और एसओजी-सर्विलांस टीम की अहम भूमिका रही।
आगरा पुलिस कमिश्नर ने पूरी टीम को तुरंत नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
आगरा में लगातार बढ़ रही चैन-स्नैचिंग की घटनाओं पर यह पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

