आगरा। साइबर ठगों ने अब RTO ई-चालान के नाम पर लोगों को जाल में फांसना शुरू कर दिया है। व्हाट्सएप पर APK फाइल भेजकर मोबाइल हैक किया जा रहा है और फिर खातों से लाखों रुपये गायब कर दिए जा रहे हैं। आगरा के संजय प्लेस स्थित एक प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी, एत्मादपुर के एक युवक और सदर क्षेत्र के एक सेवानिवृत्त सीआईएसएफ कर्मी इस नए साइबर हमले के शिकार बने हैं।

मामला 1: व्हाट्सएप पर ई-चालान मैसेज से हुई ठगी

संजय प्लेस के एक इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम संचालक के मोबाइल पर दो दिन पहले एक मैसेज आया, जिसमें RTO ई-चालान की फाइल का लिंक था। व्यापारी को शक हुआ कि उनकी कार का चालान हुआ है। उन्होंने लिंक पर क्लिक किया और फोन हैंग हो गया।

कुछ घंटे बाद जब फोन चालू हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उनके खाते से नेट बैंकिंग के ज़रिए चार बार में कुल ₹1.5 लाख निकल चुके थे। इतना ही नहीं, अपराधियों ने उनकी ₹2 लाख की एफडी को भी तोड़ दिया, लेकिन वह राशि खाते से नहीं निकाल सके। पीड़ित की शिकायत पर साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है।

मामला 2: क्रेडिट कार्ड बंद कराने के नाम पर ₹1.5 लाख की ठगी

एत्मादपुर निवासी यशपाल के साथ भी ऐसा ही मामला हुआ। उन्हें व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को स्टेट बैंक का कर्मचारी बताया। उसने यशपाल को बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड से ₹3,000 हर महीने कट रहे हैं, जिसे बंद करवाया जा सकता है।

जैसे ही यशपाल ने कॉलर द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक किया, उनका मोबाइल हैक हो गया और उनके खाते से ₹1.5 लाख रुपये गायब हो गए।

मामला 3: किराएदार दंपति ने विश्वास तोड़ ₹3.49 लाख की ठगी की

सदर के सिंगी का नगला निवासी महेंद्रपाल सिंह, जो CISF से सेवानिवृत्त हैं, के साथ भरोसे की ठगी हुई। उन्होंने जब बैंक जाकर जानकारी ली तो पता चला कि किराए पर रहने वाले अमित और उसकी पत्नी प्रिंसी के खातों में ₹3.49 लाख रुपये UPI के माध्यम से भेजे जा चुके हैं।

ठगी की यह रकम धीरे-धीरे खाते से निकाली गई थी। दंपति 5 महीने से मकान में रह रहे थे और 10 दिन पहले कमरा खाली कर भाग गए। थाना सदर में शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर महेंद्रपाल सिंह ने DCP सिटी सोनम कुमार से मुलाकात की। अब सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

साइबर सेल की अपील:
• व्हाट्सएप पर आए किसी भी लिंक या फाइल को बिना पुष्टि के क्लिक न करें
• RTO, बैंक या अन्य संस्थाएं कभी भी APK फाइल के ज़रिए संपर्क नहीं करतीं
• अगर आप ठगी के शिकार हुए हैं तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं


सावधानी ही सुरक्षा है! इन बढ़ते साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है।


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