गोरखपुर (स्पेशल रिपोर्ट)। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक ऐसी सनसनीखेज घटना सामने आई है, जो किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं लगती। बिहार के सीतामढ़ी निवासी ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह, जो खुद को 2022 बैच का IAS अधिकारी बताकर घूम रहा था, आखिरकार पुलिस के जाल में फंस गया।
यह फर्जी अफसर न केवल सरकारी ठेकों के नाम पर करोड़ों की ठगी कर रहा था, बल्कि अपनी ‘IAS’ की आड़ में निजी जिंदगी में भी एक जटिल जाल बुन रखा था – एक पत्नी, चार गर्लफ्रेंड्स, जिनमें तीन प्रेग्नेंट हैं, और एक ऐसा नेटवर्क जो यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश व झारखंड तक फैला हुआ था।
पुलिस ने बताया कि गौरव की गिरफ्तारी 12 दिसंबर को हुई, जब गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर एक व्यापारी के पास से 99 लाख रुपये बरामद हुए। पूछताछ में व्यापारी ने खुलासा किया कि यह रकम फर्जी IAS गौरव को ही दी जानी थी। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी की और गौरव को धर दबोचा। उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन बरामद हुए, जिनमें 4 गर्लफ्रेंड्स के साथ चैट्स मिलीं। इन चैट्स से साफ हुआ कि तीन लड़कियां गौरव को IAS समझकर उसके जाल में फंस चुकी हैं और वर्तमान में गर्भवती हैं। एक बिहार की लड़की से उसकी शादी भी हो चुकी है, जो अब इस धोखे की शिकार है।
IAS प्रोटोकॉल पर मासिक 5 लाख का खर्च, 10-15 की टीम संग गांवों का ‘निरीक्षण’
गौरव का ‘IAS लाइफस्टाइल’ किसी राजा से कम नहीं था। हर महीने 5 लाख रुपये सिर्फ प्रोटोकॉल बनाए रखने पर उड़ा रहा था – 10-15 लोगों की टीम उसके आगे-पीछे दौड़ती, सफेद इनोवा कार पर लाल-नीली बत्तियां चमकतीं। वह गांवों का दौरा कर ‘निरीक्षण’ करता, बिल्डर्स और कारोबारियों को सरकारी ठेके दिलाने का लालच देता। जांच में पता चला कि AI टूल्स की मदद से उसने फर्जी सरकारी पत्र, टेंडर फाइलें और आईडी कार्ड तैयार किए थे। मात्र 3 साल में इस जालसाजी का साम्राज्य 4 राज्यों तक फैल गया, जिसमें 40 से ज्यादा लोग ठगे जा चुके हैं। कुल ठगी का आंकड़ा 2 करोड़ रुपये से अधिक है।
गौरव के साले अभिषेक कुमार की मदद से सोशल मीडिया पर वह खुद को IAS के रूप में प्रचारित करता था। यूपी में नेटवर्क बढ़ाने के लिए अभिषेक के दोस्त परमानंद गुप्ता को ‘सेट’ किया गया। लेकिन सबसे चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब बिहार के भागलपुर जिले में एक गांव के दौरे पर असली SDM से मुलाकात हुई। बैच और रैंक पर सवाल पूछने पर गौरव ने SDM को दो थप्पड़ जड़ दिए। हैरान SDM ने तत्काल शिकायत तो नहीं की, लेकिन यह घटना बाद में पुलिस जांच में सामने आई।
पुलिस की सख्ती: 35 सवालों की बौछार, अब और गिरफ्तारियां तय
गिरफ्तारी के बाद 4 घंटे की कस्टडी में गौरव से 35 से ज्यादा सवाल पूछे गए – किसे ठगा, कितनी रकम वसूली, कितनी लड़कियां फंसाईं? SSP गोरखपुर डॉ. विनीत जायसवाल ने बताया, “यह केस साइबर क्राइम और जालसाजी का मिश्रण है। नेटवर्क के अन्य सदस्यों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।” गौरव के पिता मजदूरी करते हैं, और वह खुद MSC पास है, लेकिन UPSC क्रैक न कर पाने के बाद इस ‘फास्ट ट्रैक’ रास्ते पर आ गया।
यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है, बल्कि सोशल मीडिया और AI के दुरुपयोग को भी उजागर करता है। पीड़ित लड़कियां अब सदमे में हैं, जबकि ठगे गए व्यापारी न्याय की उम्मीद में हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे जांच शुरू कर दी है। क्या यह फर्जी IAS का अंत है, या नेटवर्क के और राज सामने आएंगे? आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।
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