आगरा: आगरा जनपद में बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा समिति, जिला पर्यावरण समिति, जिला आर्द्रभूमि समिति तथा जिला वृक्षारोपण समिति की संयुक्त बैठक हुई। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में लगातार हो रही वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। चर्चा में पता चला कि नॉर्दर्न बाईपास (रैपुरा जाट–मथुरा से कुबेरपुर) पर टोल होने के कारण भारी वाहन शहर के अंदर से गुजर रहे हैं, जिससे न केवल प्रदूषण बढ़ रहा है बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बना हुआ है। इस पर जिलाधिकारी ने यातायात पुलिस को कड़े निर्देश दिए कि सभी भारी वाहनों को अनिवार्य रूप से नॉर्दर्न बाईपास से रूट किया जाए और रैपुरा जाट क्षेत्र में स्पष्ट साइनेज बोर्ड लगाए जाएं, ताकि ड्राइवरों को सही रास्ते की जानकारी मिल सके।
प्रभागीय निदेशक ने नगर निकायों से उत्पन्न ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा की। कूड़े के निस्तारण, कम्पोस्ट निर्माण, RDF, वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट्स, अपशिष्ट संग्रहण-परिवहन, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट, बायो-मेडिकल वेस्ट, प्लास्टिक एवं ई-वेस्ट मैनेजमेंट तथा औद्योगिक प्रदूषण की निगरानी पर गहन विचार हुआ। सिटी एक्शन प्लान के तहत ग्रीन कॉरिडोर, मल्टीलेवल पार्किंग और खुले में कूड़ा जलाने पर चल रही कार्रवाइयों की भी जानकारी ली गई।
जिला गंगा समिति के तहत बताया गया कि 31 MLD जगनपुर STP और 35 MLD पीलाखर STP का ट्रायल रन पूरा हो चुका है। 100 MLD धांधूपूरा STP चालू होते ही शहर का करीब 90% सीवेज ट्रीट हो जाएगा, जिससे यमुना नदी और अन्य जल स्रोतों को बड़ी राहत मिलेगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने माघ मेला को देखते हुए नदियों के किनारे विशेष सुरक्षा और मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला पंचायत राज अधिकारी को गंगा ग्रामों में RRC (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) को सक्रिय करने और बड़ी ग्राम पंचायतों में घर-घर कूड़ा संग्रह एवं पृथक्करण सुनिश्चित करने को कहा गया।
जिला आर्द्रभूमि समिति में सारस और अन्य प्रवासी पक्षियों के संरक्षण पर फोकस रहा। आर्द्रभूमि के पास घोंसले बनाने वाले स्थलों की जानकारी साझा करने की अपील की गई। वृक्षारोपण समिति में ‘ग्रीन चौपाल’ आयोजन और नए पौधारोपण की तैयारियों की समीक्षा हुई। पुराने पौधारोपण का सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए गए।
अंत में जिलाधिकारी ने सभी विभागों को कार्ययोजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन और नियमित प्रगति रिपोर्ट देने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, शिक्षा-अधिकारी, कृषि-पशुपालन अधिकारी, जल निगम के अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ केसी जैन और अन्य सदस्य मौजूद रहे।

