रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को भड़काऊ भाषण के एक मामले में बड़ी राहत मिली है। रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट के इस फैसले को उनके लिए अहम राहत माना जा रहा है।

गौरतलब है कि आजम खान 17 नवंबर 2025 से रामपुर जेल में बंद हैं। उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा एक अन्य मामले में सात साल की सजा सुनाई जा चुकी है। उनके खिलाफ दर्ज कई मुकदमे अभी भी अलग-अलग अदालतों में विचाराधीन हैं। इन्हीं मामलों में से एक भड़काऊ भाषण से जुड़ा यह केस भी लंबे समय से अदालत में चल रहा था।

यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। उस समय आजम खान रामपुर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में थे। चुनाव प्रचार के दौरान सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिए गए एक भाषण को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। आरोप था कि उन्होंने अपने भाषण के माध्यम से कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाया और तत्कालीन जिलाधिकारी रामपुर समेत प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।

इस संबंध में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और तत्कालीन कांग्रेसी नेता फैसल खान लाला की ओर से रामपुर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

साक्ष्यों के अभाव में बरी

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एक सीडी को साक्ष्य के रूप में पेश किया गया, जिसमें आजम खान द्वारा कथित तौर पर यह कहते हुए दिखाया गया था कि कुछ अधिकारी “रामपुर को खून से नहलाना चाहते हैं” और जिन जिलों में वे तैनात रहे हैं, वहां “कमजोरों पर तेजाब डलवाकर उन्हें गलाया गया है।”

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों का गहन मूल्यांकन किया। कोर्ट ने यह मानते हुए कि आरोपों को ठोस रूप से साबित नहीं किया जा सका है, आजम खान को भड़काऊ भाषण के इस मामले में दोषमुक्त कर दिया।

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