आगरा। शहर की एक चाँदी निर्माण इकाई में काम करने वाले कारीगरों ने चोरी का ऐसा हाईटेक तरीका अपनाया था कि फैक्ट्री प्रबंधन भी दंग रह गया। कारीगरों ने अपने मोबाइल फोन के अंदर एक गुप्त खांचा (Secret Compartment) तैयार कर लिया था। इसी खांचे में वह प्रतिदिन 30 से 40 ग्राम शुद्ध चाँदी छिपाकर फैक्ट्री से बाहर ले जाते थे। चौंकाने वाली बात यह थी कि चोरी की भरपाई करने के लिए वे चाँदी की जगह गिलट की चूनस डाल देते थे, जिससे वजन मिल जाने पर किसी को शक भी नहीं होता था।
थाना छत्ता क्षेत्र के बेलनगंज स्थित मैसर्स माँ सिद्धीदात्री चेन्स प्रा. लि. की फैक्ट्री में लंबे समय से चाँदी की कमी महसूस की जा रही थी, परंतु उसके कारण का पता नहीं चल रहा था। 19 नवंबर 2025 को सुबह चौकीदारों ने एक कारीगर की संदिग्ध गतिविधि देखी और इसकी सूचना प्रबंधन को दी।
जांच के दौरान कारीगर शाहरुख पुत्र नुसरत खान, निवासी शहीद नगर के मोबाइल के भीतर छिपे इस गुप्त खांचे से शुद्ध चाँदी की चूनस बरामद हुई। इसके बाद जब पुलिस ने पूछताछ की तो पूरा नेटवर्क सामने आ गया।
आरोपी कारीगरों का पूरा प्लान
पूछताछ में शाहरुख ने कबूल किया कि वह यह चोरी शंकर पुत्र विनोद, निवासी जमुना ब्रिज स्टेशन के पास के साथ मिलकर कर रहा था। दोनों कई महीनों से चाँदी में गिलट की चूनस मिलाकर असली चाँदी अलग करते थे और उसे मोबाइल के गुप्त खांचे में छिपाकर बाहर ले जाते थे। इस चोरी की पूरी जानकारी छिलाई ठेकेदार अभिषेक, पुत्र पुष्पेंद्र कुमार, निवासी काला महल को भी थी। इतने सावधानीपूर्वक काम करने के कारण महीनों तक किसी को भनक तक नहीं लगी।
पुलिस कार्रवाई
डायरेक्टर रोहित बंसल की तहरीर पर थाना छत्ता में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि चोरी का यह हाईटेक तरीका कितने समय से चल रहा था, कुल कितनी चाँदी चोरी की गई और कहीं फैक्ट्री के अन्य लोग भी इसमें शामिल तो नहीं। तकनीकी तरीके से की गई चोरी को देखते हुए पुलिस फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक एंगल पर भी जांच बढ़ा रही है।

