आगरा। हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के विरुद्ध दायर रिवीजन प्रकरण में आज स्पेशल जज एमपी-एमएलए लोकेश कुमार की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से जोरदार बहस हुई। अदालत ने बहस पूरी होने के बाद आदेश 12 नवम्बर 2025 के लिए सुरक्षित रख लिया है।

यह वही मामला है, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने सांसद कंगना रनौत पर किसानों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का आरोप लगाया है।

रिवीजनकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुखबीर सिंह चौहान, राजवीर सिंह, बी.एस. फौजदार, दुर्ग विजय सिंह भैया, सुरेंद्र लाखन, उमेश जोशी सहित कई अधिवक्ताओं ने अदालत में अपने तर्क रखे।

वरिष्ठ अधिवक्ता सुखबीर सिंह चौहान ने दलील दी कि अवर न्यायालय द्वारा रिवीजन को खारिज किया जाना न्यायसंगत नहीं है, क्योंकि जिस आख्या की मांग थाना न्यू आगरा की पुलिस से की गई थी, वह विपक्षी की ओर से प्रस्तुत नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि बिना आख्या रिपोर्ट के अदालत को कोई निर्णय पारित करने का अधिकार नहीं है।

वहीं अधिवक्ता राजवीर सिंह ने अपने तर्क में कहा कि विपक्षी (कंगना रनौत) ने संविधान में दिए अधिकारों और कर्तव्यों का उल्लंघन करते हुए देश के किसानों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, क्रांतिकारी शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है।

कंगना रनौत की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनुसूया चौधरी, उनकी जूनियर सुधा प्रधान तथा स्थानीय अधिवक्ता विवेक शर्मा ने अदालत में अपने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि रिवीजन का कोई ठोस आधार नहीं है और अवर न्यायालय का आदेश विधिक रूप से सही है।

रिवीजनकर्ता रमाशंकर शर्मा ने अदालत को अवगत कराया कि पंजाब की बठिंडा कोर्ट ने इसी तरह के एक मामले में कंगना रनौत को तलब किया है और 24 नवम्बर 2025 को उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के आदेश पारित किए हैं। उन्होंने कहा कि आगरा के अवर न्यायालय ने बिना न्यायिक विवेक का प्रयोग किए रिवीजन को खारिज किया है, अतः इसे स्वीकार किया जाना न्यायसंगत होगा।

दोनों पक्षों की विस्तृत बहस के बाद अदालत ने अपना आदेश सुनाने के लिए 12 नवम्बर 2025 की तिथि निर्धारित कर दी है।

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