आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में नकली दवाओं के बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश होते ही विभागीय कार्रवाई तेज हो गई है। सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि 22 अगस्त को फव्वारा बाजार स्थित ‘हे मां मेडिको’ और ‘बंसल मेडिकल एजेंसी’ पर छापेमारी में नकली दवाओं का स्टॉक जब्त किया गया था। यहां पुडुचेरी की ‘मीनाक्षी फार्मा’ के बिल बरामद हुए, जो एके राजा (उर्फ एके राना) द्वारा संचालित डमी कंपनी है। जांच में खुलासा हुआ कि राजा हर 5-6 महीने में नई डमी फर्म खोलकर नकली दवाओं का काला कारोबार करता है।
पुडुचेरी कनेक्शन और फैक्टरी पर छापा: CDSCO (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठण) को रिपोर्ट भेजने के बाद टीम पुडुचेरी पहुंची, लेकिन दिए गए पते पर कोई कंपनी या गोदाम नहीं मिला। महीने भर की गहन जांच में राजा का मॉडस ऑपरेंडी सामने आया। 3 सितंबर को पुडुचेरी के मेट्टुपालयम में CDSCO की टीम ने मीनाक्षी फार्मा की अवैध फैक्टरी पर दबिश दी, जहां से एक करोड़ रुपये की नकली दवाएं और कच्चा माल जब्त किया गया। यहां बंद हो चुकी कई कंपनियों के फर्जी बिल भी बरामद हुए। STF (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एके राजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
71 करोड़ की जब्ती और लखनऊ लिंक: जांच के दायरे में ‘श्री राधे मेडिकल एजेंसी’, ‘एमएसवी मेडी पॉइंट’ और ‘ताज मेडिको’ के गोदाम भी आए, जहां से कुल 71 करोड़ रुपये की नकली दवाएं सीज की गईं। इनमें कोलेस्ट्रॉल, शुगर और हार्ट की दवाएं जैसे रोसुवास 20-40 एमजी शामिल हैं, जिनके सैंपल सन फार्मा और सनोफी को जांच के लिए भेजे गए। लखनऊ की ‘न्यू बाबा फार्मा’ (विक्की कुमार) और ‘पार्वती ट्रेडर्स’ (सुभाष कुमार) ने भी यहां से दवाएं खरीदीं, लेकिन कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया है। आगरा के दवा माफिया हिमांशु अग्रवाल (हे मां मेडिको) को STF ने 1 करोड़ रिश्वत की पेशकश के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जमानत याचिका खारिज: नकली दवा मामले में आरोपी बंसल मेडिकल एजेंसी के संचालक संजय बंसल, सोहित बंसल और मुकेश बंसल ने सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी दी। जिला जज संजय कुमार मलिक ने सुनवाई के बाद तीनों की याचिकाएं खारिज कर दीं। अब वे जेल में ही रहेंगे। STF और ड्रग विभाग अब 12 राज्यों में सप्लाई नेटवर्क की तलाश में जुटे हैं, जहां 200 करोड़ की संदिग्ध दवाओं का कारोबार चला।
यह कांड हजारों मरीजों की जान जोखिम में डालने वाला है। औषधि विभाग ने यूपी के सभी 18 मंडलों को अलर्ट जारी कर खरीद-बिक्री की जानकारी मांगी है। 50 से ज्यादा फर्मों को नोटिस भेजे गए हैं। जांच जारी है, और जल्द और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।