आगरा: थाना बाह क्षेत्र के गांव खोड़न में अतिराज सिंह बघेल की हत्या के मामले में एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 यशवंत कुमार सरोज ने मृतक की पत्नी शिखा बघेल, ऋषिकेश और सुशील उर्फ भूरा को दोषी करार दिया। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला अवैध संबंधों के चलते हत्या की साजिश का खुलासा होने के बाद आया।
मामला: रात में चारपाई पर सो रहे थे अतिराज, सुबह मिला शव
थाना बासौनी में दर्ज केस के अनुसार, मृतक के बेटे विक्रम बघेल ने तहरीर दी थी। उन्होंने बताया कि 3 जनवरी 2025 की रात उनके पिता अतिराज सिंह बघेल खाना खाने के बाद घर के पास चारपाई पर सो रहे थे। सुबह 7 बजे गांव की युवती स्नेहा कूड़ा डालने गई तो उसने अतिराज का शव देखा और चीख पड़ी। आवाज सुनकर गांव वाले मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
विक्रम ने अपनी मां राधा देवी, उनके देवर फौरन सिंह और अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पहले भी जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने जांच में पाया कि अतिराज की पत्नी शिखा बघेल, ऋषिकेश और सुशील उर्फ भूरा ने अवैध संबंधों में बाधा बनने पर अतिराज की हत्या की साजिश रची थी। इसके आधार पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
कोर्ट का फैसला: सजा और जुर्माना
एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 के जज यशवंत कुमार सरोज ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर शिखा बघेल, ऋषिकेश और सुशील उर्फ भूरा को भारतीय दंड संहिता की हत्या से संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया। प्रत्येक को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना न देने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है।
अवैध संबंधों का मामला: साजिश का खुलासा
पुलिस विवेचना में सामने आया कि शिखा बघेल के अवैध संबंधों में अतिराज बाधा बन रहे थे, जिसके चलते हत्या की साजिश रची गई। इस तरह के मामले आगरा में पहले भी सामने आ चुके हैं, जैसे कि मार्च 2025 में थाना ताजगंज में एक महिला और उसके प्रेमी द्वारा पति की हत्या का मामला। इन घटनाओं ने क्षेत्र में सामाजिक और पारिवारिक तनाव को उजागर किया है।