आगरा। आगरा में धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के एक मामले में पूर्व सपा नेता और वर्तमान में स्वयं-घोषित हिंदूवादी संगठन के संचालक मनोज अग्रवाल की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। केस दर्ज होने के महीनों बाद भी विवेचना में प्रगति न होने से पीड़ित पक्ष ने अब पुलिस अधिकारियों से औपचारिक शिकायत करते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।
कमला नगर थाने का हिस्ट्रीशीटर मनोज अग्रवाल एक बार फिर चर्चा में है। उस पर आरोप है कि उसने अपने ही पूर्व चालक आदित्य चौधरी और उसके परिवार को प्लॉट दिलाने के नाम पर 12.85 लाख रुपये हड़प लिए हैं । उत्तमपुरी गुम्मट रोड निवासी राममूर्ति चौधरी, जो बिजली विभाग से सेवानिवृत्त हैं, ने कोर्ट के आदेश पर मनोज अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
प्लॉट का लालच देकर 12.85 लाख ऐंठे
राममूर्ति चौधरी और उनकी पत्नी को मनोज ने भरोसा दिलाया था कि वह उन्हें कम दाम में अच्छी लोकेशन पर प्लॉट/मकान उपलब्ध करा देगा। परिवार उसके प्रभावशाली छवि के झांसे में आ गया और उसे 12.85 लाख रुपये दे दिए। लंबा समय बीतने के बाद भी न प्लॉट मिला, न कोई दस्तावेज और न स्पष्ट जवाब। जब परिवार ने स्वयं जानकारी जुटाई, तो उन्हें पता चला कि मनोज अग्रवाल कई संगीन मामलों में हिस्ट्रीशीटर है और उसकी छवि वैसी नहीं, जैसी वह दर्शाता था।
दबाव पड़ने पर दिए चेक
पीड़ितों के लगातार दबाव के बाद मनोज अग्रवाल ने मामले को शांत करने के लिए तीन चेक दिए। लेकिन जब ये चेक बैंक में लगाए गए, तो बड़ा खुलासा हुआ कि चेक का संबंधित बैंक खाता वर्ष 2016 से ही बंद था। यानि आरोपी पहले से ही जानता था कि चेक कभी पास नहीं होंगे।
कार्रवाई से बचने को फर्जी समझौता और नकली हस्ताक्षर
पीड़ित परिवार ने कोर्ट में बताया कि मनोज अग्रवाल ने उल्टा उन पर ही मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की, ताकि खुद पर दबाव कम हो सके। जब यह दांव असफल हो गया, तो उसने एक फर्जी समझौता पत्र तैयार किया और उस पर राममूर्ति चौधरी के नकली हस्ताक्षर लगा दिए। परिवार ने इस कूट रचना को गंभीर साजिश बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
11.29 लाख रुपये अब भी बकाया
पीड़ित पक्ष के अनुसार आज भी मनोज अग्रवाल के पास 11.29 लाख रुपये बकाया हैं, जिसकी वह लगातार मांग कर रहे हैं। विवेचना में देरी और आरोपी पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से परेशान राममूर्ति चौधरी ने अब पुलिस उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी साक्ष्यों, लेनदेन, चेक विवरण, फर्जी दस्तावेज व हस्ताक्षर की जांच की जा रही है। साक्ष्य मजबूत पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई निश्चित है।

