अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में खाद की जबरदस्त कमी को लेकर किसान बेहद परेशान हैं। शुक्रवार को महौ सहकारी समिति पर दो बोरी खाद लेने के लिए किसानों को सात घंटे तक इंतजार करना पड़ा, जिससे आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा मचा दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हालात संभाले और निगरानी में खाद का वितरण कराया। जंक्शन सहकारी समिति पर भी भारी भीड़ जुटी रही। किसानों का कहना है कि बायोमेट्रिक प्रक्रिया और टोकन सिस्टम के कारण देरी हो रही है, जबकि प्रशासन का दावा है कि खाद उपलब्ध है और भीड़ के कारण ही विलंब हो रहा है। यह घटना उत्तर प्रदेश में खाद संकट की व्यापक समस्या को उजागर करती है, जहां कई जिलों में किसान लंबी कतारों में खड़े हो रहे हैं।
किसानों ने बताया कि खाद लेने के लिए पहले दो घंटे लाइन में लगकर टोकन लिया जाता है, फिर दो घंटे इंतजार के बाद बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी कराई जाती है। इसके बाद दो से तीन घंटे और लग जाते हैं, तब जाकर दो बोरी खाद मिलती है। कुल मिलाकर छह से सात घंटे का समय लग जाता है। शुक्रवार को महौ सहकारी समिति पर किसान सुबह चार बजे से पहुंच गए थे। सुबह 11 बजे तक आईडी न खुलने की बात कही गई, जिससे किसानों का सब्र जवाब दे गया। हंगामे के बाद करीब साढ़े ग्यारह बजे वितरण शुरू हुआ, जो दोपहर चार बजे तक चला। हंगामे की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और व्यवस्था संभाली।
घटना के मुख्य बिंदु :
- स्थान: महौ सहकारी समिति, जंक्शन सहकारी समिति (अलीगढ़ जिला)।
- समय: शुक्रवार सुबह 4 बजे से दोपहर 4 बजे तक।
- कारण: खाद वितरण में देरी, बायोमेट्रिक और टोकन प्रक्रिया से 6-7 घंटे का इंतजार।
- हंगामा: किसानों का आक्रोश, पुलिस निगरानी में वितरण।
- प्रभाव: फसल पर बुरा असर, किसान परेशान।
प्रशासन का पक्ष
जिला सहायक रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव आरएस श्रीवास्तव ने कहा कि सभी सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध है और इसका वितरण किया जा रहा है। भीड़ के कारण ही वितरण में देरी हो जाती है। उन्होंने किसानों से सब्र रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि सबको खाद मिलेगी। हालांकि, किसान इसे खानापूर्ति बता रहे हैं, क्योंकि खरीफ सीजन में यूरिया और डीएपी की मांग चरम पर है।
पृष्ठभूमि: यूपी में खाद संकट की व्यापक समस्या
यह घटना अलीगढ़ तक सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश में खाद की कमी को लेकर कई जिलों में किसान सड़कों पर उतर चुके हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा प्रहार किया है, कहा कि बीजेपी शासन में किसानों को खाद के बजाय लाठियां मिल रही हैं। उन्होंने खाद की कालाबाजारी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए डबल इंजन सरकार को विफल बताया। महोबा में हाल ही में किसानों ने सड़क जाम कर दी और पुलिस से भिड़ गए, जबकि मध्य प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में भी यूरिया की 3.5 लाख टन कमी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि मांग-आपूर्ति के अंतर और वितरण प्रणाली की कमजोरी मुख्य कारण हैं। केंद्र सरकार ने सितंबर-नवंबर 2024 में डीएपी की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास किए, लेकिन 2025 में भी समस्या बरकरार है।