कानपुर: शुभम द्विवेदी की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। जब गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुभम के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे, तो एक और खौ़फनाक कहानी सामने आई। शुभम की पत्नी ऐशान्या, जो इस घटना के बाद बेहद टूट चुकी हैं, सीएम से फफक-फफक कर बोलीं,
“बदला चाहिए सर, नहीं तो मैं मर जाऊंगी!”
उनकी आवाज में इतनी दर्द और गुस्सा था कि वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू थे। ऐशान्या ने पूरी घटना का जिक्र करते हुए कहा,
“हम नाश्ता करने जा रहे थे। तभी एक बंदा आया, उसने हमें धर्म पूछा और फिर… हमसे कहा कि अगर तुम मुसलमान हो तो कलमा पढ़कर सुनाओ। मैंने उसे मुस्कुराते हुए कहा, हिंदू हूं, फिर उसने गोलियां बरसा दीं।”
💔 “आतंकियों ने कहा था: तुम्हें इसलिए छोड़ दिया कि मोदी को बता दो कि हमने क्या किया”आतंकियों ने ऐशान्या से कहा था कि वे सिर्फ उसे और शुभम को ज़िंदा छोड़ रहे हैं ताकि वो अपने प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को बता सके कि उन्होंने क्या किया।
💥 “मेरे बेटे का कसूर क्या था?
“शुभम के पिता का दर्द भी किसी से छिपा नहीं था। सीएम योगी से मिलने के दौरान, वह बिलखते हुए सिर्फ यही सवाल कर रहे थे:
“मेरे बेटे का क्या कसूर था? वो तो बिना किसी वजह के मारा गया। हत्यारे कब सजा पाएंगे?”
सीएम ने कहा,
“यह हमला एक क्रूर, कायराना कृत्य है, जो किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता। गृहमंत्री खुद इन इलाकों का दौरा कर रहे हैं। आतंकियों का सफाया हमारी प्राथमिकता है।”
🙏 दादी विमला देवी का दर्द- दादी विमला देवी की हालत देखी जाए तो उनका दिल टूट चुका था। वो अपने पोते शुभम को याद कर कह रही थीं,
“मैंने ही उसे शादी करने के लिए कहा था, ताकि बहू का चेहरा देख सकें। दो महीने पहले ही शादी हुई थी और अब वह हमसे हमेशा के लिए चला गया।”
🕊️ शुभम का अंतिम संस्कार – हर आंख में आंसूशुभम का पार्थिव शरीर गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन किया गया। उनके चाचा ने मुखाग्नि दी, और इस मौके पर मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू थे।
आतंकी हमला – 26 की हत्या, 14 घायल- मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने बर्बर हमला किया था। उन्होंने पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, फिर गोली मारी। इस हमले में 26 लोगों की नृशंस हत्या की गई, जिनमें दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक भी शामिल थे।
💥 टीआरएफ ने लिया जिम्मा- यह हमला लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े आतंकी गुट ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने जिम्मेदारी ली है। यह हमला पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।